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Giridih News: दलांगी पंचायत में सामाजिक अंकेक्षण को लेकर हुई जनसुनवाई , लगा जुर्माना

Giridih News: दलांगी पंचायत भवन में सोमवार को वर्ष 2024-25 में संचलित मनरेगा योजना को लेकर पंचायत भवन में पंचायत स्तरीय जनसुनवाई की गयी.

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जनसुनवाई में प्रभारी कल्याण पदाधिकारी सह जन सुनवाई अध्यक्ष महेश दास, मुखिया अफसाना खातून, रोजगार सेवक मिथलेश पांडेय, पंचायत सचिव हृदय अग्रवाल, सामाजिक अंकेक्षण दल के बीआरपी रामसेवक यादव, भीआरपी पूनम कुमारी समेत लोग उपस्थित थे.

संविधान के प्रस्तावना की शपथ लेने के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम

कार्यक्रम की शुरुआत बीआरपी के द्वारा संविधान का प्रस्तावना पत्र का शपथ के साथ कि गयी. इस दौरान बीआरपी रामसेवक यादव ने जनसुनवाई में पंचायत के लोगों की उपस्थिति कम रहने का मामला उठाया और कहा कि योजनाओं की जांच माइक से प्रचार प्रसार कर किया जाना था. उपस्थित मुखिया अफसाना खातून व संबंधित कर्मियों से पूछने पर बताया कि प्रचार प्रसार नहीं किया गया. कहा कि पंचायत जनसुनवाई में एक्टिव मजदूरों की संख्या 2200 होने के बावजूद 100 लोगों की भी उपस्थिति भी नहीं हो पायी. वहीं मनरेगा से जुड़े संबंधित बीपीओ, एई, जेई, मुखिया, पंचायत सचिव पर 100-100 रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही गयी.

577 योजनाओं में 121 योजना का किया गया ऑनगोइंग

इसके बाद बीआरपी ने उपस्थित लोगों से कहा कि दलांगी पंचायत में कुल 577 योजनाओं का संचालन किया गया है. इनमें 121 योजना का ऑनगोइंग किया गया है. 90 प्रतिशत योजना टीसीबी और ईसीबी का कार्य है. कहा कि वर्ष 2024-25 में पंचायत में उक्त सभी योजनाओं में 2 करोड़ 17 लाख 10 हजार 29 रुपये खर्च किये गये हैं. जबकि सामग्री मद में चार लाख 33 हजार 665 रुपये खर्च हैं, जो काफी कम है. मनरेगा का जो 60 प्रतिशत मजदूरी मद में व 40 प्रतिशत मेटेरियल मद में राशि का प्रयोग किया जाना था, उसका अनुपालन नहीं किया गया है.

कई लोगों पर लगाया गया जुर्माना

कई महिलाओं को पूछा तो बताया कि एक दिन में पांच से सात टीसीबी काट लेते हैं. जबकि एक टीसीबी में दो मेंडेज का भुगतान 544 रुपये सरकार करती है ऐसे में एक महिला पूरे दिन भर में एक या डेढ़ टीसीबी से ज्यादा नहीं काट सकती है. इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी है. जांच टीम ने जनसुनवाई के दौरान गुड़िया देवी पर 100 रुपये का जुर्माना व पौधा लगाने का निर्देश दिया. वहीं मंसूर आलम पर 100 रुपये जुर्माना व जुलाई माह में आम पौधा को लगाकर साक्ष्य प्रखंड मुख्यालय में प्रस्तुत करने को कहा गया. जबकि कई मास्टर रोल बीपीओ के द्वारा निर्गत किये जाने में बीपीओ का हस्ताक्षर नहीं रहने पर एक हजार का जुर्माना लगाने की बात कही गयी.

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