इस धंधे में जुड़े धंधेबाजों के मजबूत नेटवर्क का खुलासा करने के लिए रांची की एसआइटी भी बेंगाबाद में छापेमारी करने पहुंच चुकी है. इसके बावजूद मामले में कोई खुलासा नहीं हो पाया है.
इधर, दो दिन पूर्व बिहार के भागलपुर में बेंगाबाद के महुआर पंचायत के छाताबाद गांव के पिंटू चौधरी को वहां की पुलिस ने नकली नोट के साथ पकड़ा है. पकड़ में आये युवक की निशानदेही पर पुलिस को बड़ी सफलता मिलने की संभावना है.चपुआडीह पंचायत से संचालित होते हैं काले कारनामे
बताया जाता है कि चपुआडीह पंचायत के मुंडहरी गांव में वर्षों से कुछ युवक नकली नोट बनाने के अलावा अन्य काले कारनामों में सक्रिय रहे हैं. यहां के कुछ युवक सिक्कों में शक्ति दिखाकर बड़े बड़े व्यापारियों को चूना लगाने का काम कर चुके हैं.इसके अलावा विभिन्न प्रजाति के पशु-पक्षियों की भी तस्करी में सक्रियता रही है. जानकारों के मुताबिक इस गांव के युवक बेंगाबाद के कई अन्य युवकों को भी टीम में शामिल कर धंधे काे विस्तार देने में जुटे हुए हैं. इधर दो दिन पूर्व बेंगाबाद के छाताबाद गांव निवासी पिंटू चौथरी और गया जिले के आमस स्थित शिवमंदिर के पास के रहनेवाला पंकज कुमार गुप्ता नकली नोट खपाने के लिए कार से भागलपुर गये थे.
वहां से दोनों को जांच के क्रम में वहां की पुलिस टीम ने धर दबोचा. दबोचे जाने के बाद दोनों से पूछताछ करने व मोबाइल की जांच में पुलिस जुट गयी है. इधर, बेंगाबाद पुलिस से भी संपर्क स्थापित कर पिंटू चौथरी के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है. जांच पड़ताल में बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.सफेदपोशों का रहता है वरदहस्त
बताया जाता है कि मुंडहरी गांव में नकली नोट छापने का धंधा संचालित होने की भनक लगने के बाद रांची से एसआइटी की टीम कुछ माह पूर्व यहां पहुंची थी. पुलिस टीम ने एक घर की घेराबंदी की, लेकिन मौके का लाभ उठाकर धंधेबाज पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया.पुलिस टीम ने जब उक्त घर की तलाशी ली तो वहां से नोट गिननेवाली मशीन के अलावा लैपटाॅप व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुआ था. इस धंधे में शामिल कुछ जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों के कारण पोल खुलने के भय से सफेदपोश नेताओं की पैरवी शुरू हो गयी.
इसके बाद धंधा थमने के बजाय और वृहत होता गया. मुंडहरी के अलावा चपुआडीह पंचायत के कुछ और गांव के युवक भी इसमें शामिल हैं, जो प्रखंड के विभिन्न गांवों के युवकों को इस धंधे में जोड़ कर इसे अंजाम दे रहे हैं. जानकारों के मुताबिक धंधेबाजों का संपर्क बंगाल और बिहार के विभिन्न स्थानों के गिरोह के सदस्यों से है.बंगाल से तकनीक और राॅमैटेरियल लाकर मुंडहरी में नकली नोट तैयार किया जाता है और बिहार के साथियों के साथ मिलकर वहां उसे खपाने का काम किया जाता है. फिलहाल एक युवक के पकड़े जाने के बाद धंधेबाजों की पोल खुलने का रास्ता साफ दिख रहा है.
बेंगाबाद थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार सिंह ने इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है. कहा कि फिर भी बिहार पुलिस मदद मांगती है तो पूरा सहयोग किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है