केंद्र की सेविका अनिता कुमारी ने बताया कि बाल विकास परियोजना के तहत 2016 में आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ था. लेकिन संवेदक ने उसे पूरा नहीं किया. अभी तक यह अधूरा है. बच्चों को बैठने के लिए छोटी-छोटी कुर्सियों और टेबल का भी अभाव है. लेकिन संबंधित अधिकारियों का इस पर ध्यान नहीं है.
बताते चलें कि सरकार की ओर से शून्य से छह वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को पूर्व-विद्यालय शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं आदि सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र चलाये जा रहे हैं. यहां बच्चों के शारीरिक,सामाजिक विकास तथा नौनिहालों की भविष्य की बुनियाद तैयार करने का दावा किया जाता है. लेकिन आज भी सरकार की यह व्यवस्था पूर्ण रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पा रही है. इस कारण पूर्व-विद्यालय शिक्षा में बच्चों को कठिनाई होती है.जांच कर संवेदक पर कार्रवाई करने की मांग
वहीं जिप सदस्य अनूप कुमार पांडेय ने बताया कि वर्ष 2016-17 में समाज कल्याण विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र सिंगदाहा में बनवाया जा रहा था. जिसका कार्य एजेंसी जिला परिषद गिरिडीह था. लगभग 7 लाख रुपए की लागत से आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ. परंतु संवेदक की लापरवाही के कारण 10 वर्षों से या भवन अधूरा है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच कर संवेदक पर कार्रवाई करने तथा उक्त भवन को पूर्ण करने की मांग की है. जिससे कि बच्चों को इसका लाभ मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है