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लापरवाही बरतने पर तिसरी चिकित्सा प्रभारी का वेतन रोका

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विभाग गंभीर है. नियमानुसार प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं की तीन जांच करनी है. जांच में लापरवाही बरतने पर तिसरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर कार्रवाई की गयी है. गिरिडीह : गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच करने में लापरवाही बरतने पर तिसरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन भुगतान […]

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर विभाग गंभीर है. नियमानुसार प्रसव पूर्व गर्भवती महिलाओं की तीन जांच करनी है. जांच में लापरवाही बरतने पर तिसरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर कार्रवाई की गयी है.
गिरिडीह : गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच करने में लापरवाही बरतने पर तिसरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. इतना ही नहीं संबंधित अधिकारी से कारणपृच्छा भी की गयी है. सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर कठोर कार्रवाई भी की जा सकती है.
यह कार्रवाई मुख्य सचिव झारखंड सरकार के निर्देश पर सिविल सर्जन डॉ विभा शरण ने की है. कार्रवाई की जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव को दे दी गयी है. इधर मंगलवार को मुख्य सचिव की ओर से बीते सात जनवरी को की गयी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान किये गये सवालों के जवाब में सिविल सर्जन डॉ. शरण ने अनुपालन प्रतिवेदन भी भेज दिया है. मौके पर सिविल सर्जन डॉ शरण ने बताया कि तिसरी प्रखंड में प्रसव पूर्व तीन जांच में पहली और तीसरी जांच नहीं किया जाना पाया गया था. प्रखंड की सहिया, एएनएम और सेविका द्वारा रुचि नहीं दिखाये जाने के कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हुई थी. अनुश्रवण भी सही तरीके से नहीं किया गया था. इसी कारण मुख्य सचिव के निर्देश पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए शो-काॅज किया गया है.
अन्य अधिकारियों पर भी हो सकती है कार्रवाई : जिले के विभिन्न अस्पतालों में संचालित कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषित बच्चों की पहचान कर रिपोर्ट नहीं भेजने वाली सीडीपीओ, पोषण सखी, सहिया और सेविका पर भी कार्रवाई करने का सिविल सर्जन और जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
मुख्य सचिव से प्राप्त निर्देश के आधार पर जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है वहां की सहिया, सेविका और सहायिका को कार्यमुक्त करने की भी कार्रवाई की जा सकती है. इस दौरान सभी सर्जन और गायनोकोलॉजिस्ट को बंध्याकरण का टारगेट पूरा करने का भी निर्देश दिया गया है. इसके अलावा सभी प्रखंडों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को प्रखंड क्षेत्रों में कैंप लगा कर स्वयंसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित करने की भी बात कही गयी है.

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