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डेटोनेटर बरामदगी के बाद से सीएस भयभीत, स्थानांतरण करने की मांग
गिरिडीह : आवास में डेटोनेटर बरामदगी की घटना के बाद से सिविल सर्जन डाॅ. रामरेखा प्रसाद पूरी तरह से दहशत में है. इसे लेकर उन्होंने सरकार के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार रांची को पत्र लिखकर स्थानांतरण कर रांची में किसी रिक्त पद के विरूद्ध पदस्थापन करने की मांग […]
गिरिडीह : आवास में डेटोनेटर बरामदगी की घटना के बाद से सिविल सर्जन डाॅ. रामरेखा प्रसाद पूरी तरह से दहशत में है. इसे लेकर उन्होंने सरकार के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार रांची को पत्र लिखकर स्थानांतरण कर रांची में किसी रिक्त पद के विरूद्ध पदस्थापन करने की मांग की है. पत्रांक 2528 गिरिडीह दिनांक 13.8.2018 के तहत लिखे पत्र में आठ सूत्री बिंदुओं पर सूचित करते हुए कहा है कि 16 अगस्त 1983 से स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा पदाधिकारी के विभिन्न पदों पर पदस्थापित एवं कार्यरत हूं.
लगभग 35 वर्ष की सेवा काल में किसी तरह का उन पर कोई आरोप नहीं है. अपने सेवा काल की अवधि स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न पदों पर पदस्थापित रहते हुए निष्ठा के साथ कार्य संपादन करते आ रहे हैं. दिनांक 9 अगस्त 2018 को सदर अस्पताल गिरिडीह अवस्थित अपने कार्यालय प्रकोष्इ में कार्यो का संपादन कर रहा था. उसी बीच शाम करीब 5.30 बजे अनुमंडल पदाधिकारी गिरिडीह द्वारा मेरे निजी आवास पर पहुंचने की सूचना मोबाइल पर दी गयी.
अनुमंडल पदाधिकारी की उपस्थिति में आवास का दरवाजा खोला तो पूर्व से खुली खिड़की के नीचे पेपर में लपेटा हुआ नौ पैकेट दिखायी दिया. पैकेट खोलने पर उसमें डेटोनेटर पाया गया जिसे अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारी द्वारा ले जाया गया. घटना के पांच दिन बीतने के बाद भी उद्भेदन नहीं होने से वे भयभीत हैं.
उपरोक्त तथ्यों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सीएस ने जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर गिरिडीह जिले से स्थानांतरण करते हुए स्वास्थ्य निदेशालय रांची में या राज्य मुख्यालय रांची स्वास्थ्य विभाग के किसी पद पर पदस्थापन करने की मांग की है.
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