वेतन समेत छह सूत्री मांग को ले 163 कर्मी आंदोलन पर
जिले भर में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े 163 चालक और स्वास्थ्य कर्मी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. गिरिडीह स्टेडियम के बाहर सभी कर्मी एंबुलेंस के साथ धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं. कर्मियों ने छह सूत्री मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू किया है. इसमें इएसआई, पीएफ, नियमित वेतन भुगतान और मानदेय की व्यवस्था शामिल है. एनओसीजीई के राष्ट्रीय संगठन सचिव अशोक कुमार सिंह व 108 एंबुलेंस कर्मी संघ के जिलाध्यक्ष बबलू तांती ने कहा कि पांच फरवरी से वह सम्मान फाउंडेशन के अधीन सभी कर्मी कार्य कर रहे हैं, लेकिन कंपनी ने अभी तक फरवरी व मार्च का वेतन का भुगतान नहीं की है. कर्मियों ने बताया कि होली, ईद, सरहुल और रामनवमी जैसे त्योहार भी बिना वेतन के गुजरे. अब तो परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. एक चालक ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के कारण वे बच्चों की स्कूल फीस और किताबें तक नहीं खरीद पा रहे हैं. इससे बच्चे स्कूल नहीं ज रहे हैं और परिवार भुखमरी के कगार पर है. कहा कि ऐसे हालात में आंदलन ही रास्ता है. कर्मियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल का असर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है, क्योंकि 108 एंबुलेंस सेवा इमरजेंसी के समय मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित होती है. धरनास्थल पर मनोज वर्मा, मजहर अंसारी, मुकेश रजक, सुरेश पांडेय, पर्मिला सोरेन, पुष्पलता सोरेन, रंजीत वर्मा, महेश कुमार, राहुल यादव, विकास वर्मा, संतोष कुमार, गोविंद कुमार, पंकज कुमार, अजय ठाकुर, शमीम अंसारी, किशुन वर्मा, सुजीत कुमार समेत कई चालक और सहकर्मी शामिल थे.की जा रही है वैकल्पिक व्यवस्था सिविल सर्जन
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल पर सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से एंबुलेंस कर्मियों के कामकाज में लगातार लापरवाही और त्रुटियां पायी जा रही थीं. इस संबंध में एजेंसी को कई बार मामले को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. कहा कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं होने देगा. वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है, ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना हो.
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