कांडी. प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में 25 वां मानस महायज्ञ व इसकी रजत जयंती का समारोह प्रगति पर है. प्रतिदिन ब्रह्म बेला से देर रात तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालुओं की सर्वाधिक उपस्थिति परिक्रमा, प्रवचन, प्रसाद वितरण एवं मेला परिसर में देखी जा रही है. वैसे सतबहिनी झरना तीर्थ में अवस्थित सतबहिनी भगवती सहित नौ विभिन्न मंदिरों में सुबह से शाम तक दर्शन-पूजन करने वालों का तांता लगा रहता है. इधर यज्ञ मंडप के निकट सजी धजी कुटिया में श्रीधाम वृंदावन से पधारे मानस आचार्य विनोद गौरव शास्त्री के नेतृत्व में वेद पाठी ब्राह्मणों की टोली संगीतमय शैली में श्री रामचरितमानस का पारायण पाठ कर रही है. जैसा हो संग वैसा चढ़े रंग… : सातवें दिन के प्रवचन सत्र में अयोध्या से पधारे आचार्य अवधेंद्र प्रपन्नाचार्य ने श्रीमद् भागवत महापुराण एवं श्री रामचरितमानस की कथाओं का सामाजिक संदर्भ बताते हुए कहा कि जैसा हो संग वैसा चढ़े रंग, जैसा खाये अन्न वैसा बने मन व जैसा पीये पानी वैसी बोले वाणी. आचार्य ने मंथरा एवं बाली के प्रसंग में उक्त दृष्टांत प्रस्तुत किया. कहा कि मणि के बिना फणि रह सकता है, जल के बिना मछली रह सकती है. लेकिन राम के बिना दशरथ के प्राण नहीं रह सकते. भरत को अयोध्या का राज : श्री राम ने कहा कि भरत को अयोध्या का राज मिला है और मुझे पिता की महती कृपा से कानन का साम्राज्य मिला है. इधर बक्सर से पधारे आचार्य रोहित तिवारी एवं गुप्त काशी से पधारे आचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज ने भी संगीतमय श्री राम कथा कही. मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के अध्यक्ष सह स्थानीय विधायक नरेश प्रसाद सिंह व सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने सभी श्रद्धालु सज्जनों से शुक्रवार एवं शनिवार के प्रवचन सत्र में अवश्य भाग लेने की अपील की है. मंच संचालन दिलीप कुमार पांडेय ने किया. जबकि कई श्रद्धालुओं ने ज्ञान यज्ञ के प्रारंभ में व्यास पीठ की पूजा-अर्चना की.
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