गढ़वा : पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच नवादा के तत्वावधान में मंगलवार को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय सेवा समिति की द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित व कराटे की ब्लैक बेल्ट प्राप्त चंद्रमुखी कुमारी को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सम्मान से सम्मानित किया गया.
स्थानीय बीएसकेडी पब्लिक स्कूल गढ़वा के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह का उद्घाटन सर्वप्रथम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के चित्र के समक्ष मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक सदन कुमार, विशिष्ट अतिथि संस्कार भारती झारखंड प्रांत के साहित्य संयोजक डॉ नथुनी पांडेय आज़ाद, पलामू जिला प्रमुख प्रियरंजन पाठक, मेदनीनगर इकाई के मंत्री प्रभाकर मिश्र, गढ़वा जिला के उपाध्यक्ष श्याम नारायण पांडेय एवं नाट्य संयोजक प्रेम दीवाना ने संयुक्त रूप से किया.
इसमें मुख्य अतिथि ने चंद्रमुखी कुमारी के सिर पर पगड़ी पहनाकर, अंगवस्त्र व हाथ में तलवार व सम्मान पत्र प्रदान किया गया. समारोह में विषय प्रवेश कराते हुए डॉ नथुनी पांडेय आजाद ने कहा कि आज पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच प्रत्येक वर्ष प्रदान किये जाने वाले जिस झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सम्मान की शुरुआत की जा रही है, वह अत्यंत प्रेरणाप्रद है.
समस्त नारियों में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसा आत्मविश्वास के साथ वीरता का भाव भी प्रस्फुटित होना चाहिए. इस मौके पर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन को प्रदर्शित करने वाली आज इसी की जरूरत है नामक विशेष लघु नाट्य की प्रस्तुति की गयी. इसमें चम्पा तिवारी, अंजलि शाश्वत, कौस्तुभ, अतुल, अमन, अनय, खुशबू, सुनिधि, नंदनी एवं आयुषी ने बखूबी भूमिका निभायी.
इस मौके पर एएसपी सदन कुमार ने कहा कि पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच का प्रत्येक आयोजन उत्कृष्ट हुआ करता है. इस संस्था ने यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता को चरितार्थ करते हुए प्रत्येक वर्ष प्रदान किये जाने वाले झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सम्मान की शुरुआत कर रही है. समारोह में सम्मानित हुई चंद्रमुखी कुमारी ने कहा कि यह सम्मान पाकर उसे काफी सुखद अनुभूति हो रही है.
समारोह में लघु नाट्य की प्रस्तुति की गयी. इसमें मदर टेरेसा डीएस विद्यालय को प्रथम, बीएनटी संत मैरी विद्यालय को द्वितीय व मवि चिरौंजिया को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ. साथ ही सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए अंजली मिश्रा को चुना गया. समारोह का संचालन पंडित हर्ष द्विवेदी कला मंच के निदेशक नीरज श्रीधर ने किया.