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East Singhbhum news : धालभूमगढ़ एयरपोर्ट : देवशोल व रुआशोल के ग्रामीण सहमत नहीं, एसडीओ बोले- 230 एकड़ वनभूमि पर प्रस्ताव बनायेंगे

एसडीओ ने दो गांवों के साथ बैठक की, नहीं मानें ग्रामीण, देव स्थल के बाद किसी रैयत की जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा

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धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण को लेकर रविवार को हवाई पट्टी स्थित कालापत्थर देव स्थल के पास घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्र की अध्यक्षता में देवशोल व रुआशोल के ग्रामीणों की संयुक्त बैठक हुई. एसडीओ ने ग्रामीणों को एयरपोर्ट बनने का लाभ बताया. इसके बावजूद दोनों गांव के ग्रामीणों ने एक स्वर में विरोध किया. एसडीओ कार्यालय के प्रधान सहायक पृथ्वी हांसदा ने संताली भाषा में बैठक के उद्देश्य और एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जानकारी दी.

विकास व भावी पीढ़ी के भविष्य लिए सहमति दें ग्रामीण : एसडीओ

एसडीओ ने कहा कि पुराने एयरपोर्ट को जीर्णोद्धार कर चालू करने का प्रस्ताव है. द्वितीय विश्व युद्ध के समय कलाइकुंडा (खड़गपुर) एयरबेस के सहयोग के लिए धालभूमगढ़ व चाकुलिया में एयरपोर्ट बनाये गये थे, जो सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि विकास व आने वाली पीढ़ी के भविष्य के मद्देनजर एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्वीकृति दें. कई बार ग्राम सभा में विरोध को देखते हुए उन्होंने स्वयं ग्रामीणों से सीधी बात करने के लिए बैठक बुलायी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण सहमति नहीं देते हैं, तो भी एयरपोर्ट के लायक 230 एकड़ वन भूमि मौजूद है. इस पर एयरपोर्ट चालू हो सकता है. अगर दोनों गांव के ग्रामीण सहमति नहीं देते हैं, तो भी 230 एकड़ में एयरपोर्ट के प्रस्ताव को तैयार किया जायेगा.

तीन गांवों से मिली स्वीकृति, कोई भी विस्थापित नहीं होगा

एसडीओ ने कहा कि प्रस्तावित एयरपोर्ट के क्षेत्र में पांच गांव आते हैं. इनमें बुरुडीह, चारचक्का, कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़, देवशोल व रुआशोल शामिल है. बुरुडीह मौजा से 94.69, चारचक्का मौज से 33.87, कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़ से 103, देवशोल मौजा से 8.51 एवं रुआशोल मौजा से 21 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण होना है. इसमें 230 एकड़ वन भूमि है. बाकी भूमि में अनाबाद झारखंड सरकार व सरकारी रास्ता है. बुरुडीह, चारचक्का, कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़ ग्राम सभा से एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्वीकृति मिल चुकी है. देव स्थल के बाद किसी भी रैयत की एक इंच भी जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा. कोई भी विस्थापित नहीं होगा.

जंगल कटने पर वनोपज कहां से मिलेगा : ग्रामीण

बैठक में रुआशोल के ग्राम प्रधान लखन हेंब्रम व देवशोल के ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा समेत ग्रामीणों ने एक स्वर में एयरपोर्ट निर्माण का विरोध जताया. महिलाओं व पुरुषों को बारी बारी से अपने विचार रखने को कहा गया. ग्रामीणों ने पर्यावरण व पेड़ काटने का मुद्दा उठाया. ग्रामीणों ने बीते दिनों हाथियों से बर्बाद फसल पर मुआवजा नहीं मिलने की बात कही. जंगल काटने से वनोपज पत्ता, दातुन आदि नहीं मिलने की बात कही. ग्रामीणों ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के समय उन्हें विस्थापित होना पड़ेगा. वे एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्वीकृति नहीं देंगे.

प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों से पुनर्विचार की अपील की

बैठक में जिप सदस्य हेमंत मुंडा व उप प्रमुख सुकरा मुंडा ने ग्रामीणों से निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की. उन्होंने कहा कि ग्राम सभा के निर्णय के विरुद्ध वे कुछ नहीं कह सकते हैं. इसके बावजूद वर्तमान समय को देखते हुए आवश्यकता के अनुरूप एयरपोर्ट निर्माण के प्रस्ताव पर ग्रामीणों को पुनर्विचार करना चाहिए.

समूह बनाकर पहुंचे ग्रामीण, कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई

बैठक में आने से पूर्व दोनों गांव के ग्रामीणों ने विचार-विमर्श किया. महिला और पुरुष एक साथ समूह बनाकर दोनों गांव से पहुंचे. बैठक के दौरान प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. भारी संख्या में पुरुष व महिला पुलिस को तैनात किया गया था. बैठक की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की गयी. विचार रखने वालों का दस्तावेजीकरण किया गया.

बैठक में देवशोल के ग्राम प्रधान दखिन हांसदा, रुआशोल के ग्राम प्रधान लखन हेंब्रम समेत ग्रामीण, जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में डीसीएलआर नित निखिल सुरीन, एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, कार्यपालक दंडाधिकारी अमन कुमार, डीएसपी संदीप भगत, बीडीओ बबली कुमारी, सीओ समीर कच्छप, थाना प्रभारी मो. अमीर हमजा, बीएओ पीयूष मंडल समेत जिप सदस्य हेमंत मुंडा, उप प्रमुख सुकरा मुंडा, ग्राम प्रधान वासुदेव सिंह, विशाल नामता, पंसस प्रदीप राय, मुखिया चितरंजन सिंह समेत कई उपस्थित थे.

एसडीओ दो दिनों में ग्राम प्रधान से स्पष्टीकरण वापस लें, अन्यथा कार्यालय घेरेंगे

देवशोल के ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा की अध्यक्षता में रविवार को फुटबॉल मैदान में ग्रामीणों की बैठक हुई. इसमें अनुमंडलाधिकारी (एसडीओ) की ओर से ग्राम प्रधान से स्पष्टीकरण पूछने व पदच्युत करने की चेतावनी देने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जतायी. ग्रामीणों ने कहा कि अगर एसडीओ दो दिनों में स्पष्टीकरण वापस नहीं लेते हैं, तो सात दिनों बाद अनुमंडल कार्यालय का घेराव करेंगे.

विदित हो कि अनुमंडल पदाधिकारी ने ग्राम प्रधान से स्पष्टीकरण मांगा था कि बीते 30 अप्रैल को हवाई अड्डा के लिए बैठक बुलायी गयी थी. ग्राम प्रधान को सरकारी मानदेय मिलता है. ऐसे में बैठक का बहिष्कार करना सरकार के साथ असहयोगात्मक रवैया माना जायेगा. ग्राम प्रधान का आचरण सरकार के विरुद्ध माना जायेगा. बीते 8 अप्रैल को 45-50 लोगों के साथ ग्राम सभा कर ग्राम प्रधान ने प्रसारित किया कि ग्रामीणों ने हवाई अड्डा का विरोध किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि षड्यंत्र के तहत ऐसा किया गया. दाखिन हांसदा ग्राम प्रधान का कार्य करने में अक्षम हैं.

ग्रामीणों ने कहा कि वे पारंपरिक ग्राम प्रधान हैं, चयनित ग्राम प्रधान नहीं. ग्रामीणों के हित में उन्होंने निर्णय लिया है. इसे सरकार के विरुद्ध माना जाना सर्वथा गलत है. उन्हें दिया गया स्पष्टीकरण वापस नहीं लिया जाता है, तो वे ग्रामीणों के साथ अनुमंडल कार्यालय का घेराव करेंगे. मौके पर दोलकी के ग्राम प्रधान श्रीमात मुर्मू भी उपस्थित थे.

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