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East Singhbhum News : एक साल से बिना लाइसेंस के चल रहा था वाटर पार्क

गालूडीह. वाटर पार्क का लाइसेंस जुलाई 2024 में समाप्त, अबतक रिन्यूअल नहीं हुआ

गालूडीह. गालूडीह के बड़बिल में संचालित बिरसा फन सिटी वाटर पार्क का लाइसेंस जुलाई, 2024 में समाप्त हो गया है. करीब एक साल से बिना लाइसेंस रिन्युअल के वाटर पार्क चल रहा था. प्रशासनिक जांच में उक्त जानकारी मिली है. जानकारी हो कि 5 जून, 2025 की दोपहर में वाटर पार्क के बेव पुल में बच्ची सृष्टि कुमारी की डूबने से मौत हो गयी थी. पुलिस-प्रशासन ने पार्क को सील कर दिया था. घटना के पांच दिन बीत गये. पुलिस-प्रशासन ने पार्क संचालक को तमाम दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा था. गालूडीह थाना प्रभारी कुमार इंद्रेश ने बताया कि वाटर संचालक ने थाने में जो दस्तावेज दिखाये हैं, उसके अनुसार वाटर पार्क का लाइसेंस जुलाई 2024 तक मान्य था. इसके बाद उन्हें रेन्युअल कराना था, जो नहीं कराया गया. एक साल से वाटर पार्क बिना लाइसेंस यानी प्रशासनिक अनुमति के बिना चल रहा है. वाटर पार्क का लाइसेंस उपायुक्त कार्यालय से मिलता है.

मैंने आवेदन दिया, प्रशासन ने रेन्यूअल नहीं किया :

संचालकवाटर पार्क संचालक ने पुलिस को बताया कि लाइसेंस रेन्यूअल के लिए उपायुक्त कार्यालय में आवेदन दिया है. वाटर पार्क के संचालक लोकपति सिंह का दावा है कि मैंने जिला में आवेदन जमा कर दिया है. प्रशासन से रेन्युअल नहीं किया, तो मेरी गलती कहां है? जिला में आवेदन देने के बाद एसडीओ कार्यालय को पत्र आया था कि जांच कर रिपोर्ट करें. कोई जांच करने नहीं आया, इससे रिपोर्ट जिला नहीं गयी और रेन्युअल नहीं हुआ.

पार्क में सुरक्षा मानकों की जांच कर रहा प्रशासन :

घटना के बाद पार्क सील है. पुलिस- प्रशासन सुरक्षा मानकों समेत अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही है. जांच होने तक पार्क बंद रखने का आदेश दिया जा चुका है. घटना के दिन से पार्क सील है.

सुरक्षा की अनदेखी, लापरवाही से बच्ची की मौत

गालूडीह के बड़बिल स्थित वाटर पार्क में बीते 5 जून को बच्ची सृष्टि कुमारी की डूबने से मौत मामले में मंगलवार को पंचायत प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपा. एसडीओ की अनुपस्थिति में डीसीएलआर नित निखिल सुरीन और एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर की अनुपस्थिति में उपस्थित पदाधिकारी के समक्ष पार्क प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया. सुरक्षा मानकों की अनदेखी का सवाल उठाया है. ज्ञापन में कहा गया कि पार्क में न तो पर्याप्त संख्या में लाइफ गार्ड है, न आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी व्यवस्था है. वाटर पार्क की एंबुलेंस खराब है. स्वीमिंग पूल में भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं रहता. कपड़े बदलने की जगह का उपयोग अनैतिक कार्यों के लिए हो रहा है. प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि लापरवाही से बच्ची की मौत हुई है. वर्ष 2022 में एक की मौत हुई थी. इसके बाद उपायुक्त ने वाटर पार्क को बंद करने का निर्देश दिया था.

कार्रवाई नहीं हुई तो, आंदोलन करेंगे

पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की, अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. जिप सदस्य सुभाष सिंह ने कहा कि जन प्रतिनिधियों ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके. प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन होगा. घाटशिला उप प्रमुख गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भी नाराजगी जाहिर की. मौके पर नेहा सिंह, आशा सिंह, मनी महतो, कपिल देव शर्मा, झोंटू सिंह, राजेश साह समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे.

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