मुसाबनी
. एचसीएल के सुरदा माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी आरके अर्थ प्रालि के समक्ष सुरदा माइंस से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन करना चुनौती बना हुआ है. 5 फरवरी 2025 को पूजा कर विधिवत ठेका कंपनी ने सुरदा माइंस के संचालन की जिम्मेदारी संभाली. फरवरी के अंतिम सप्ताह से ठेका कंपनी ने सुरदा माइंस से उत्पादन शुरू किया. एचसीएल के साथ निविदा की शर्तों के अनुसार ठेका कंपनी को सुरदा माइंस से प्रतिदिन 1000 टन अयस्क का उत्पादन करना है, लेकिन 100 दिन गुजर जाने के बाद भी ठेका कंपनी अब तक सुरदा माइंस से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन करने में विफल रही है.वर्तमान में ठेका कंपनी के अधीन 750 मजदूर और 70 अधिकारी
वर्तमान में सुरदा माइंस की ठेका कंपनी के अधीन करीब 750 मजदूर व 70 अधिकारी कार्यरत हैं. 12 व 13 लेवल के माइनिंग विकास के कार्य में मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. वर्तमान में ठेका कंपनी करीब 2.3 करोड रुपये मासिक वेतन पर खर्च कर रही है. आने वाला समय सूरदा माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी आरके अर्थ प्रालि के लिए चुनौती भरा होगा. यदि ठेका कंपनी निर्धारित लक्ष्य के अनुसार उत्पादन करने में असफल होती है तो पेनल्टी के रूप में उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ठेका कंपनी पर पेनल्टी की तलवार लटक रही है.
जानकारी के अनुसार मार्च माह में सुरदा माइंस में 10 हजार टन, अप्रैल में 13 हजार टन तथा मई माह में 14 हजार टन अयस्क का उत्पादन हुआ. जून माह में लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन नहीं होने पर ठेका कंपनी पर पेनल्टी की तलवार लटक रही है. ठेका कंपनी प्रबंधन सुरदा माइंस में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पायी है. ठेका कंपनी माइंस के 12 व13 लेवल में नया स्टॉप के विकास करने की योजना पर काम कर रही है. थ्री और फोर शॉफ्ट में ठेका कंपनी चार नये स्टोप को विकसित कर उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी है. अगले डेढ़ माह तक प्रतिदिन साढे आठ सौ टन अयस्क उत्पादन करने का लक्ष्य है व उसके बाद अगस्त माह से एक हजार टन प्रतिदिन के लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद ठेका कंपनी कर रही है.उत्पादन लक्ष्य बढ़ाने में कंपनी के समक्ष कई गतिरोध
सूरदा माइंस के संचालन करने वाले ठेका कंपनी के समक्ष उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में स्टॉप की कमी, मजदूरों की हड़ताल, माइनिंग मशीनरी आदि का गतिरोध है. इसके साथ ही 12 एवं 13 लेवल में माइनिंग विकास एवं वहां से उत्पादित अयस्क को उपर लाकर उसे मुसाबनी कंसंट्रेटर संयंत्र तक पहुंचाने की चुनौती भी है. ठेका कंपनी माइनिंग मशीनरी एलएचडी, लोको, लोडर समेत अन्य उपकरणों को माइंस के अंदर कार्य स्थल में पहुंचा कर नये स्टॉप बनाकर अयस्क उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है.
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