घाटशिला. घाटशिला प्रखंड मुख्यालय स्थित शिव-पार्वती मंदिर से बुधवार की शाम महाशिवरात्रि पर शिवजी की बारात गाजे-बाजे और झांकियों के साथ निकाली गयी. बारात में शिव की सेना के रूप में भगवान नदी, भंगी, भूत- पिशाच के वेश में लोग शामिल हुए. इस दौरान भक्ति गीतों पर लोग जमकर झूमे. बाराती बम-बम भोले के जयकारे लगाते रहे. इसके पूर्व पुजारी माया पंडित ने पूजा-अर्चना की.
शिव-पार्वती का विवाह हुआ संपन्न
प्रखंड मुख्यालय से निकली बारात धरमबहाल, लालडीह, मां श्यामा काली मंदिर पहुंची. वहां से गोपालपुर शिव मंदिर प्रांगण होते हुए मुख्य शहर घाटशिला के बजरंग मंदिर तथा शिव मंदिर, राम मंदिर होते हुए रंकिणी मंदिर पहुंची. रंकिणी मंदिर से वापस प्रखंड मुख्यालय शिव पार्वती मंदिर पहुंच कर देर रात में भगवान शिव-पार्वती का वैवाहिक कार्यक्रम विधि विधान से संपन्न हुआ.
भक्तों के लिए लगाये गये थे स्टॉल
घाटशिला प्रखंड मुख्यालय से लेकर रंकिणी मंदिर तक कई समाजसेवी, कई मंदिर कमेटी द्वारा शिव भक्तों के लिए स्टॉल भी लगाये गये थे. शरबत तथा प्रसाद बांटे गये. घाटशिला प्रखंड मुख्यालय में महाभोग भी बंटा. महिलाओं ने निर्जला उपवास रखकर पूजा की. मंदिर में दीप जलाकर भगवान शिव-पार्वती की आराधना कर सुख समृद्धि की कामना की.
शिवजी की बारात को सफल बनाने में घाटशिला प्रखंड मुख्यालय शिव- पार्वती मंदिर कमेटी, घाटशिला, धरमबहाल, लालडीह, गोपालपुर शिव मंदिर कमेटी, घाटशिला रेलवे परिसर शिव मंदिर कमेटी, राम मंदिर कमेटी, सुर्य मंदिर कमेटी, रंकिणी मंदिर कमेटी ने अहम भूमिका निभायी. मौके पर कई गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया.महाशिवरात्रि : घंटियों और शंख ध्वनि के बीच बम-बम भोले से गूंजे शिवालय
महाशिवरात्रि पर गालूडीह के शिवालय बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान रहे. प्राचीन रंकिणी मंदिर स्थित शिव मंदिर, प्राचीन बूढ़ा बाबा शिव मंदिर, गालूडीह स्टेशन रोड स्थित बाबा लोकनाथ शिव हनुमंत मंदिर, जोड़सा शिव मंदिर, बराज कॉलोनी स्थित शिव मंदिर, पायरागुड़ी शिव मंदिर, उलदा शिव मंदिर, कुलियाना शिव मंदिर, माता वैष्णो देवी स्थित शिव मंदिर, बस स्टैंड शिव मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों में भक्तों ने पूजा की. घंटियों और शंख ध्वनि के बीच बम-बम भोले के जयकारे लगते रहे. शिव भक्तों ने भांग, धतूरा, बेलपत्र, फूल, जल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की. धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. सभी मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. शाम में कई मंदिरों में भजन संध्या और रात्रि जागरण हुआ. महिलाएं मंदिरों में दीप जलाकर सुख-समद्धि की कामना की. दोपहर में कई मंदिरों में भोग का वितरण किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है