चाकुलिया.
चाकुलिया स्थित वन विभाग कार्यालय में शुक्रवार को हाथी प्रभावित परिवारों में मुआवजा वितरण हुआ. मुख्य अतिथि विधायक समीर मोहंती रहे. हाथी के हमले में मारे गये लोगों के आश्रित व घायलों को 18 लाख 25 हजार रुपये मुआवजा दिया गया. विधायक समीर मोहंती के हाथों पीड़ितों ने मुआवजा राशि ली. हाथियों के हमले से मृत रत्नी सबर, बबलू बास्के व देवाशीष मुंडा के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा मिला. वहीं, हाथी के हमले से घायल सालगे मुर्मू, कुनाराम मुंडा, सुशेन शेखर गिरि व महादेव सबर को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिया गया. दूसरी ओर, बरियाल टुडू को मुआवजा के तौर पर 25000 रुपये मिले.हाथियों की समस्या से जल्द मिलेगी मुक्ति : समीर
मौके पर विधायक समीर मोहंती ने कहा कि जंगली हाथी क्षेत्र के लिए गंभीर समस्या हैं. झारखंड सरकार ग्रामीणों की समस्या को दूर करने के लिए तत्पर है. मुआवजा राशि देकर लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है. चाकुलिया में हाथियों की समस्या को लेकर गंभीरता पूर्वक मुद्दे को विधानसभा में रखा गया है. सरकार मामले को लेकर गंभीर है. जल्द क्षेत्र के लोगों को इस समस्या से मुक्ति दिलाने का काम किया जा रहा है. मौके पर जिला परिषद सदस्य धरित्री महतो , रायदे हांसदा, सुनाराम हांसदा, जगन्नाथ महतो, गौतम दास, विशाल बारिक, सुजीत दास, देवाशीष दास, गाबला दत्त आदि उपस्थित थे.
शिक्षकों की कमी से कॉलेजों में पठन-पाठन पर असर
डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने रांची स्थित राजभवन में राज्यपाल संतोष गंगवार से शिष्टाचार भेंट की. डॉ गोस्वामी ने राज्यपाल सह राज्य के कुलाधिपति से विश्वविद्यालय व काॅलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण काॅलेजों में पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. लंबे समय से शिक्षकों की बहाली न होने के कारण अधिकतर काॅलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है.केंद्रीय मंत्री को हाथियों से नुकसान की जानकारी दी
चाकुलिया.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ने नयी दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. जंगली हाथियों के उपद्रव से लोगों को हो रही कठिनाइयों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चाकुलिया, बहरागोड़ा, धालभूमगढ़, घाटशिला, चांडिल व नीमडीह में जंगलों के समीप के गांव के लोग हाथियों के उपद्रव से परेशान हैं. पिछले 3 वर्षों में हाथियों के उपद्रव से कई ग्रामीणों की जान गयी है. प्रतिवर्ष हजारों एकड़ में फसल हाथियों ने रौंदी है. कई गांवों के लोग हाथियों के उत्पात के डर से रातजगा करने को विवश होते हैं. राज्य की झामुमो गठबंधन सरकार ने हाथियों के उपद्रव से लोगों को निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है