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Abua Hathi App| चाकुलिया, राकेश कुमार सिन्हा : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित चाकुलिया की पहचान अब जंगली हाथियों से होती है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटा चाकुलिया जंगली हाथियों का बसेरा बन चुका है. इससे किसानों, व्यवसायियों के साथ-साथ आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. वन विभाग का मानना है कि हाथियों को खदेड़कर निर्जन स्थान तक सीमित रखना, अब संभव नहीं है. फिर भी हाथी-मानव संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है.
अगले सप्ताह चाकुलिया में लांच होगा ऐप
इस क्रम में अब चाकुलिया वन क्षेत्र जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए ‘अबुआ हाथी ऐप लांच’ करने जा रही है. इसकी शुरुआत अगले हफ्ते चाकुलिया में होगी. इसकी जानकारी डीएफओ सबा आलम अंसारी ने दी. उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से जंगली हाथियों पर नजर रखी जायेगी. जिस स्थान पर जंगली हाथी मौजूद रहेंगे, वहां से 8-10 किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों के मोबाइल पर मैसेज मिलना शुरू हो जायेगा.
लोग होंगे सतर्क और नहीं होगा उनका हाथियों से सामना
ऐसा होने पर लोग सतर्क रहेंगे और हाथियों से मुठभेड़ नहीं होगी. हाथियों द्वारा नुकसान पहुंचाये जाने पर मुआवजा के लिए आवेदन भी अब इस ऐप के माध्यम से ही प्रभावित लोग कर सकेंगे. इसमें समय-समय पर आवेदन का स्टेटस भी पता चल सकेगा. इस ऐप से अंचल अधिकारी को भी जोड़ दिया जायेगा. इससे आवेदन की प्रक्रिया सरल होगी और मुआवजा मिलने में देर नहीं लगेगी.
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टाटा मोटर्स एवं आरण्यक संस्था के साथ मिलकर वन विभाग करेगा काम
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि टाटा मोटर्स एवं आरण्यक के साथ मिलकर वन विभाग हाथियों के लिए काम करना शुरू करेगी. अबुआ हाथी ऐप की शुरुआत के साथ-साथ सितंबर महीने में कई अन्य योजनाएं भी धरातल पर लायी जायेंगी. इनमें प्रबाकसम, सोलर हैंगिंग फेंस एवं एआई कैमरा लगाने की योजना है. आरण्यक संस्था ग्रामीणों को भी प्रशिक्षित करेगी.
टाटा मोटर्स ने दिया क्विक रिस्पांस वाहन एवं टॉर्च
टाटा मोटर्स ने चाकुलिया वन विभाग को एक क्विक रिस्पांस वाहन उपलब्ध करवाया. इसकी लागत लगभग 12 लाख रुपए बतायी जा रही है. क्विक रिस्पांस वाहन के साथ हाथी प्रभावित क्षेत्र में वितरण के लिए 50 टॉर्च भी टाटा मोटर्स ने दिये हैं. डीएफओ सबा आलम अंसारी एवं रेंजर दिग्विजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर वाहन को रवाना किया. पदाधिकारियों ने कहा कि अब हाथियों के गांव में घुसने पर क्विक रिस्पांस टीम के पहुंचने में देर नहीं होगी. पहले विभाग के पास 2 वाहन थे, अब एक नया वाहन आ जाने से टीम को काम करने में आसानी होगी.
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