घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की काशिदा पंचायत स्थित उत्क्रमित अनुमंडल अस्पताल से सटे बिक्रमपुर में जन प्रतिनिधियों और सरकारी लापरवाही से पेयजल के लिए हाहाकार मचा है. अधिकांश चापाकल खराब हैं और कुएं सूख गये हैं. तालाब भी सूख गया है. यहां पर ग्रामीण जलापूर्ति योजना नहीं हैं. लगभग 300 की आबादी पेयजल संकट जूझ […]
घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की काशिदा पंचायत स्थित उत्क्रमित अनुमंडल अस्पताल से सटे बिक्रमपुर में जन प्रतिनिधियों और सरकारी लापरवाही से पेयजल के लिए हाहाकार मचा है. अधिकांश चापाकल खराब हैं और कुएं सूख गये हैं. तालाब भी सूख गया है. यहां पर ग्रामीण जलापूर्ति योजना नहीं हैं. लगभग 300 की आबादी पेयजल संकट जूझ रही है. ग्रामीणोंं ने जन प्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगायी, लेकिन कोई पहल नहीं हुई.
ग्रामीणों के मुताबिक इस बस्ती में चार चापाकल लगाये हैं. इनमें से तीन खराब हैं.
एक चापाकल की मरम्मत ग्रामीणों ने खुद करवायी और इसी चापाकल के भरोसे हैं. एक मात्र सरकारी कुआं सूख गया है. स्थिति यह है कि ग्रामीणों को अनुमंडल अस्पताल से पानी लाना पड़ता है. गांव के कविता मुंडा, सविता मुंडा, कमला पातर, अंजली पातर समेत अन्य महिलाओंं ने कहा कि जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा से उनकी ऐसी दुर्दशा है.