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बंगाल से पानी लाकर ग्रामीण बुझाते हैं प्यास

बहरागोड़ा : प्रखंड की बहुलिया पंचायत के पश्चिम बंगाल सीमा से सटे चित्रेश्वर गांव के सबर टोला और गिटी टोला में जन प्रतिनिधियों और नौकरशाहों की लापरवाही से भीषण पेयजल संकट है. इन दो टोलों के ग्रामीण पश्चिम बंगाल के भातहांडिया गांव से पानी मांग कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीण काफी दिनों से […]

बहरागोड़ा : प्रखंड की बहुलिया पंचायत के पश्चिम बंगाल सीमा से सटे चित्रेश्वर गांव के सबर टोला और गिटी टोला में जन प्रतिनिधियों और नौकरशाहों की लापरवाही से भीषण पेयजल संकट है. इन दो टोलों के ग्रामीण पश्चिम बंगाल के भातहांडिया गांव से पानी मांग कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीण काफी दिनों से गुहार लगा रहे हैं. इसका कोई असर नहीं हुआ है. नाराज ग्रामीण कहते हैं कि झारखंड से बेहतर बंगाल है, जहां पेयजल की किल्लत नहीं है.

सबर टोला : यहां 15 परिवार रहते हैं. टोला में चापाकल नहीं है. यहां के लोग पश्चिम बंगाल स्थित सुवर्णरेखा नदी से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते थे. नदी का जल स्तर घटने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां के ग्रामीण आधा किमी दूर पश्चिम बंगाल के भात हाड़िया गांव से पानी लाते हैं. ग्रामीण भारती रानी डाकुआ, निशामणी डाकुआ, यशोदा रानी नायक, दयाल चंद्र डाकुआ ने कहा कि टोला में विकास कार्य नहीं हुआ है.

गिटी टोला : गिटी टोला में भी पेयजल की घोर समस्या है. टोला में 40 परिवार निवास करते हैं. टोला में आज तक एक चापाकल नहीं लगाया गया है. इस टोला में तत्कालीन विधायक देवी पदो उपाध्याय के समय एक कुआं का निर्माण हुआ था. उक्त कुआं जर्जर स्थिति में है. ग्रामीण शिवानी गिटी, बुलू रानी गिटी, सुमिता रानी दास, गोरांगो गिटी, वाटीवाला दास आदि ने बताया कि उन्हें पानी लाने के लिए 300-400 मीटर दूर पश्चिम बंगाल के भातहाडि़या गांव जाना पड़ाता है. ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने उनकी उपेक्षा की है.

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