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चक्रधरपुर : सुखराम उरांव ने छोड़ी भाजपा, कहा : गिलुवा कर रहे थे उपेक्षा, पार्टी बन गयी है जेबी संस्था
पत्नी सरस्वती उरांव के साथ भाजपा से दिया इस्तीफा हमेशा मेरे खिलाफ निर्णय लेते रहे चक्रधरपुर : पूर्व विधायक सुखराम उरांव ने भाजपा छोड़ दी है. रविवार सुबह उन्होंने प्रभात खबर संवाददाता को बताया कि देर शाम तक भाजपा से इस्तीफे का पत्र प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को सौंप दिया जायेगा. अपनी बात पर कायम […]
पत्नी सरस्वती उरांव के साथ भाजपा से दिया इस्तीफा
हमेशा मेरे खिलाफ निर्णय लेते रहे
चक्रधरपुर : पूर्व विधायक सुखराम उरांव ने भाजपा छोड़ दी है. रविवार सुबह उन्होंने प्रभात खबर संवाददाता को बताया कि देर शाम तक भाजपा से इस्तीफे का पत्र प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को सौंप दिया जायेगा. अपनी बात पर कायम रहते हुए भाजपा छोड़ने का पत्र शाम में जारी भी कर दिया, जिसमें अपनी धर्मपत्नी सरस्वती उरांव के साथ इस्तीफे की घोषणा की.
श्री उरांव ने कहा कि पार्टी छोड़ने का एकमात्र कारण प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ही हैं. जब से श्री गिलुवा प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, तब से मेरी उपेक्षा की जा रही थी. श्री गिलुवा को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने के लिए तन, मन, धन से साथ दिया. लेकिन, जब मैं विधानसभा का चुनाव लड़ा, तो इसके विपरीत उन्होंने मुझे हराने में पूरी शक्ति झोंक दी. प्रदेश अध्यक्ष का काम संगठन को मजबूत करना होता है.
लेकिन, श्री गिलुवा ने पार्टी को पॉकेट की संस्था ही बना कर रख दी है. प्रदेश भाजपा को व्यक्तिगत संगठन बना कर रखा दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पार्टी संविधान में है कि पूर्व सांसद, विधायक व जिला अध्यक्ष आदि प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य होते हैं. लेकिन, श्री गिलुवा ने अध्यक्ष बनते ही नयी कार्यसमिति से मेरा नाम हटा दिया. पार्टी संविधान को किनारे कर व्यक्तिगत निर्णय हमेशा मेरे खिलाफ लेते रहे. मुझे किसी भी पार्टी की समिति में स्थान नहीं दिया गया.
पार्टी के कार्यक्रमों तक में आमंत्रित नहीं किया जाता था. कई लोगों के बीच मेरे खिलाफ अपशब्द का भी प्रयोग किये. इसलिए मैंने व्यक्तिगत निर्णय लेते हुए भाजपा से त्यागपत्र दे दिया. मालूम हो कि श्री उरांव 2012 में भाजपा में शामिल हुए थे. आजसू से राजनीति की शुरुआत की. 2005 में झामुमो की टिकट पर चक्रधरपुर से विधायक चुने गये. जेवीएम में भी गये थे.
झामुमो में जा सकते हैं सुखराम : श्री उरांव ने कहा कि भाजपा छोड़ने के बाद एक दल से सक्रिय राजनीति करूंगा. लेकिन, उन्होंने पार्टी का नाम नहीं बताया. हालांकि, राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि श्री उरांव झामुमो में शामिल होंगे. संभवत: चार नवंबर को रांची में शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन की मौजूदगी में झामुमो की सदस्यता ग्रहण करेंगे.
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