संवाददाता, दुमका पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के संताली भाषा की लिपि देवनागरी व इसी लिपि में पाठयपुस्तकों के प्रकाशन की मांग से जुड़े सवाल पर सरकार ने जवाब दिया है कि संताली की लिपि देवनागरी को हटाकर ओलचिकी करने के संबंध में कोई निर्णय संसूचित नहीं है. बताया कि भारत के केंद्रीय भाषा संस्थान मैसूर द्वारा संताली भाषा के लिए ओलचिकी का उपयोग किया जाता है. पर अब इसके साथ-साथ देवनागरी लिपि के उपयोग किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है. बताया है कि साइंटिफिक एंड टेक्निकल काउंसिल नयी दिल्ली के अनुसार संताली के लिए देवनागरी का उपयोग किया जाता है, पर वहां भी अब इसके साथ-साथ ओलचिकी लिपि का उपयोग हो रहा है. वहीं जानकारी दी गयी है कि यूपीएससी की परीक्षा को लेकर पत्र संख्या 05-2025 दिनांक 22 जनवरी 2025 में अंकित है कि संताली भाषा के प्रश्नपत्र देवनागरी लिपि में मुद्रित रहेगा, लेकिन उम्मीदवार देवनागरी या ओलचिकी लिपि में जवाब देने के लिए स्वतंत्र होते हैं. दरअसल, श्री यादव ने विधानसभा में ऑल इंडिया युनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन व संताल परगना स्टुडेंट्स यूनियन दुमका की मांग को लेकर सवाल किया था. यूनियन की मांग थी कि संताली को देवनागरी लिपि में मान्यता प्रदान की जाये. क्योंकि भारतीय भाषा संस्थान मैसूर तथा वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली आयोग नयी दिल्ली के आदेश पर संताली पुस्तकों का प्रकाशन भी देवनागरी लिपि में किया जा रहा है. गोड्डा इंजीनियरिंग काॅलेज व पॉलिटेक्निक में सत्र 2025-26 से होगी पढ़ाई विधायक प्रदीप यादव के ही क्षेत्र से जुड़े सवाल पर सरकार ने करोड़ों की लागत से गोड्डा में बनकर तैयार इंजीनियरिंग कालेज व पॉलिटेक्निक को सत्र 2025-26 से चालू करने की बात कही है. कहा गया है कि काॅलेज को एआइसीटीइ से एप्रुवल के कार्य के लिए नोडल पदाधिकारी प्रभारी प्राचार्य नामित किया जा चुका है. इंजीनियरिंग काॅलेज के लिए पद सृजन का प्रस्ताव प्रशासी पदवर्ग समिति को भेजा गया है, जबकि पॉलिटेक्निक के लिए पदसृजन की प्रक्रिया जारी है. नियुक्ति होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिक्षक-कर्मचारियों को अन्य संस्थान से प्रतिनियुक्त करते हुए सत्र 2025-26 से पठन-पाठन आरंभ करा दिया जायेगा. देवेंद्र कुंवर ने की खेतौरी को एसटी की सूची में शामिल करने की मांग दुमका. जरमुंडी के विधायक देवेंद्र कुंवर ने राज्य के खेतौरी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग की है. विधानसभा के पटल में तारांकित प्रश्न भी उठाया है. कहा: खेतौरी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान को 2019 में पत्र भेजा गया है. मामले में कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए बताया है कि डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान ने 83 अगस्त 2018 के अपने पत्र 388 के माध्यम से प्रतिवेदित किया है कि जाति को पिछड़ी जाति की सूची में यथास्थिति के रूप में बनाये रखा जा सकता है. वहां से 4 फरवरी 2019 को पुन: प्राप्त प्रतिवेदन में स्पष्ट मंतव्य नहीं दिये जाने पर डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान को पुन: स्पष्ट मंतव्य मांगी गयी है. इसे लेकर 24 फरवरी को स्मारित भी किया गया है.
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