दुमका. क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र दुमका में मंगलवार को खरीफ फसल को लेकर क्षेत्रीय अनुसंधान-सह-प्रसार एवं परामर्शदातृ समिति की बैठक में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कुलपति डाॅ एससी दुबे की अध्यक्षता में आयोजित हुई. सह निदेशक डा राकेश कुमार ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया. इस कार्यक्रम में निदेशक अनुसंधान बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ पीके सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र, दुमका, देवघर, जामताड़ा, पाकुड़, गिरिडीह, साहिबगंज जिला कृषि पदाधिकारी, दुमका जिला उद्यान पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, परियोजना निदेशक आत्मा को आपस में ताल-मेल कर किसानों तक तकनीकी को पहुंचाते हुए उत्पादन को बढ़ाकर देश को समृद्ध करने पर जोर दिया. वहीं सह निदेशक डॉ राकेश कुमार ने संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यक्रम, अन्य गतिविधियों एवं संताल परगना की जलवायु के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा यह भी आग्रह किया कि पौधशाला में विभिन्न फलों के पौधे को तैयार करने की अनुमति दी जाए, ताकि इसपर भी अनुसंधान कार्य हो सके. मृदा वैज्ञानिक डॉ केएस मोहन ने मौसम वर्ष 2024 के बारे में जानकारी दी एवं केंचुआ खाद एवं टाटा प्रायोजित फॉस्फोजिप्सम धुर्वी गोल्ड (धान, महुआ एवं मक्का) फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की. जबकि उद्यान वैज्ञानिक डॉ एके साहा ने झिंगली, करेली और भिण्डी के अच्छे उत्पादन के साथ ही आर्थिक बढ़ोतरी पर जोर दिया. संताल परगना क्षेत्र के लिए विभिन्न खाद की मात्रा का प्रयोग कर अच्छी फसल उत्पादन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. मौके पर निदेशक अनुसंधान डा पीके सिंह, डीन डा डीके शाही, वरीय वैज्ञानिक डा पीबी साहा, डा अरुण कुमार, डा एके तिवारी, डा किरण सिंह, डा किरण मेरी कन्डीर, डा जयन्त लाल, डा संजय कुमार, आरके ओझा, डा पंकज आदि वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसानों ने बैठक में भाग लिया.
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