सरैयाहाट. अखिल भारतीय आदिम जनजाति समूह संघर्ष मोर्चा का 26वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ मोर्चा के पदाधिकारियों के द्वारा सामूहिक रूप से झंडोत्तोलन के साथ किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष गिरिजानंद राय ने की. संचालन मोर्चा के केंद्रीय महामंत्री राम प्रवेश राय ने किया. स्थापना दिवस कार्यक्रम के जरिये फिर से घटवार-घटवाल जाति को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की आवाज बुलंद की गयी. केंद्रीय महामंत्री रामप्रवेश राय ने कहा कि हम संवैधानिक मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है. कहा कि मोर्चा लगातार सरकार से यह मांग करते आ रही है कि घटवार-घटवाल जाति झारखंड प्रदेश की मूल आदिवासी है. इसका अनेकों प्रमाण साक्ष्य के रूप में मौजूद है. घटवार-घटवाल जाति पूर्व में अनुचित जनजाति की श्रेणी में शामिल थी, जिसके आलोक में झारखंड सरकार ने 2004 और 2012 में उक्त जाति को पुनः अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज चुकी है. राज्य सरकार ने प्रस्ताव में स्पष्ट कहा है कि घटवार-घटवाल जाति आदिवासी की सूची से अकारण सूची से हटा दिया गया है. इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं है. पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा गठित केंद्रीय टास्क फोर्स ने 2014 में जांच में यह स्पष्ट किया है कि जाति आदिवासी श्रेणी से मामूली लिपिकीय भूल का शिकार हुआ है जो यह ऐतिहासिक भूल है. इसे भूल के सिद्धांत पर जोड़ा जाना चाहिए. इसके बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. मोर्चा नेताओं ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की उदासीनता पर प्रश्न चिन्ह लगाया. मांग की है कि केंद्र सरकार अविलंब घटवार घटवाल जाति को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करें. अन्यथा प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि सरकार इन जातियों का हक मार कर मुख्य धारा जैसे शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक दृष्टिकोण से अलग थलग करके रखा है. जो यह दर्शाता है की सरकार की एक सोची समझी साजिश है. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार बार बार झूठ-मूठ जांच के पचडे में डालकर मामला को लंबा कर रही है. उक्त जाति को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से स्थिति काफी दयनीय हो गयी है.पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि सरकार उक्त जाति का आर्थिक, सामाजिक शैक्षणिक राजनीति हर दृष्टि से सर्वे कराकर देख सकती है कि यह जाति आदिम जनजाति की तरह अपना जीवन यापन कर रही है कि नहीं. कहा कि उक्त जाति को मोर्चा की रणनीति का साथ देना होगा लोकतंत्र में संगठन ही सर्वशक्तिमान है. गांव-गांव में संगठन को मजबूत करके आंदोलन को तेज करना होगा. साथ ही शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है.
हमें संगठित होकर आंदोलन करना होगा : रामप्रसाद
रामप्रसाद सिंह ने कहा कि हमें संगठित होकर जोरदार आंदोलन करना होगा. विश्वनाथ राय ने कहा कि हमें संगठित होकर राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करना होगा. कार्यक्रम में केन्द्र सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की गयी. मौके पर ठाकुर अजय सिंह, चंद्र किशोर सिंह, पितांबर सिंह, राजेंद्र राय, राजेश सिंह, मणिकांत राय, बबलू राय, जयकांत राय, पप्पू राय, अरविंद राय, मनोज राय, रमेश राय, प्रमोद राय, झारखंडी राय, त्रिलोचन सिंह, बिमल राय, प्रेमसागर राय, रवि राय, नीलकंठ राय, छंगुरी राय, किशोर सिंह, ललित राय, हेमलाल सिंह, नंद किशोर सिंह इत्यादि मौजूद थे.
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