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झारखंडियों में विभेद उचित नहीं : सदान एकता

संवाददाता, दुमकासदान एकता परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा है कि झारखंड 15 नवंबर 2000 को बना, जिसके बाद से यहां की पौने तीन करोड़ जनता इसके मूल निवासी हैं और इसमें विभेद किसी भी विचार से उचित नहीं. श्री वर्मा ने कहा है कि झारखंड निर्माण काल से ही स्थानीयता का आधार […]

संवाददाता, दुमकासदान एकता परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा है कि झारखंड 15 नवंबर 2000 को बना, जिसके बाद से यहां की पौने तीन करोड़ जनता इसके मूल निवासी हैं और इसमें विभेद किसी भी विचार से उचित नहीं. श्री वर्मा ने कहा है कि झारखंड निर्माण काल से ही स्थानीयता का आधार माना जाना चाहिए, ताकि राज्य का समुचित विकास हो तथा बेरोजगारी एवं पलायन बंद हो. श्री वर्मा ने कहा है कि समस्याओं को उलझाया जाना सही नहीं है. राज्य का संपूर्ण विकास तभी हो सकता है, जब राज्य से संपूर्ण गरीबी हटे. यह नहीं कि आदिवासी के अमीर हो जाने से राज्य अमीर हो जायेगा. राज्य बनने के बाद से झारखंड में आदिवासी-गैर आदिवासी शब्द के इस्तेमाल कर ही राजनीति हो रही है. चाहे वह पंचायत चुनाव हो, निकाय चुनाव या फिर विस या लोस का चुनाव हो. जनता को बरगलना बंद होनी चाहिये.—————–फोटोराधेश्याम वर्मा

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