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हत्यारोपी को आजीवन कारावास

दुमका कोर्ट : हत्या के एक मामले में द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज श्रीवास्तव ने बुधवार को सिद्ध दोष करार देते हुए आरोपी मथियस टुडू को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. चार साल पहले रानीश्वर के बोड़ाबाथान निवासी विनोद हेंब्रम ने 30 मई 2009 को रानीश्वर थाना कांड संख्या 40/09 में भादवि […]

दुमका कोर्ट : हत्या के एक मामले में द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज श्रीवास्तव ने बुधवार को सिद्ध दोष करार देते हुए आरोपी मथियस टुडू को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

चार साल पहले रानीश्वर के बोड़ाबाथान निवासी विनोद हेंब्रम ने 30 मई 2009 को रानीश्वर थाना कांड संख्या 40/09 में भादवि की धारा 302, 34 के तहत अपने छोटे भाई की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार विनोद हेंब्रम का छोटा भाई संतोष हेंब्रम का प्रेम प्रसंग भुई कुमड़ा स्कूल टोला निवासी मोटा हांसदा की बेटी चुलई हांसदा के साथ एक साल से चल रहा था और वह उससे शादी भी करना चाहता था. उसी गांव का मथियस टुडू भी उसी लड़की से प्रेम करता था. इस बात को लेकर संतोष हेंब्रम और मथियस टुडू में घटना के कुछ दिन पहले झड़प हुई थी.

29 मई 2009 की शाम को संतोष हेंब्रम भुई कुमड़ा गांव साइकिल से सुनील के घर गया था. जब रात में वह घर वापस नहीं लौटा तो सुबह घरवाले उसे खोजने निकले. रास्ते में तोवाडाडी नहर के पास खेत में परिजनों ने साइकिल गिरा देखा और नहर के पानी में संतोष टुडू की लाश देखी. लोगों ने उन्हें बताया कि मथियस टुडू कुछ लड़कों के साथ नहर के पास बैठा था.

विनोद हेंब्रम ने मथियस टुडू को अपने भाई की हत्या किये जाने को लेकर नामजद अभियुक्त बनाया था. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी ज्ञानेंद्र झा और बचाव पक्ष की ओर से गौरसुंदर झा ने पैरवी की. सत्रवाद संख्या 238/09 में चार वर्ष तक चले ट्रायल में अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाहों की न्यायालय में गवाही हुई थी.

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