चौथी क्लास के बच्चे ने वह कर दिखाया जो शिक्षक नहीं कर सके
दुमका : चौथी क्लास में पढ़ने वाला एक बच्चा जिसने संथाली भाषा में अपनी पूरी क्लास को टीका का महत्व समझा दिया. टीका लेने से कौन- कौन सी बीमारी से बच सकते हैं. इसके क्या लाभ हैं, सबकुछ. नीतीश मरांडी चौथी क्लास में पढ़ते हैं. अपने आत्मविश्वास से उसने वह कर दिखाया, जो स्कूल के […]
दुमका : चौथी क्लास में पढ़ने वाला एक बच्चा जिसने संथाली भाषा में अपनी पूरी क्लास को टीका का महत्व समझा दिया. टीका लेने से कौन- कौन सी बीमारी से बच सकते हैं. इसके क्या लाभ हैं, सबकुछ. नीतीश मरांडी चौथी क्लास में पढ़ते हैं. अपने आत्मविश्वास से उसने वह कर दिखाया, जो स्कूल के शिक्षक नहीं कर सके.
सोशल मोबलाइजेशन नेटर्वक की टीम जब दुमका जिले में सदर ब्लॉक के बाघुदी गांव के प्राथमिक स्कूल में पहुंची, तो हैरान रह गयी. टीका पर अपनी पूरी बात टीम स्कूल के बच्चों तक पहुंचाने में असमर्थ थी. कारण था, यहां अंग्रेजी, तो दूर कोई हिंदी भी ठीक से समझने वाला नहीं था. सोशल मोबलाइजेशन की टीम में शामिल आरीफ अली ने बच्चों से पूछा, क्या कोई है, जो हिंदी में समझकर सभी बच्चों को संथाली समझा सकता है.
चौथी क्लास के एक बच्चे नीतीश मरांडी ने अपना हाथ ऊपर किया. नीतीश ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, मैं हिंदी अच्छी तरह समझता हूं. अनुवाद करके सभी को संथाली भाषा में समझा सकता हूं. आरीफ अली अपनी टीम के साथ टीका का महत्व हिंदी में बताते गये और नीतीश शब्दश : संथाली में अनुवाद कर बच्चे को अच्छी तरह समझाता रहा . नीतीश की प्रतिभा देखकर टीम हैरान रह गयी. आरीफ ने बताया कि मैं परेशान था कि कैसे बच्चों तक अपनी बात पहुंचा सकूंगा लेकिन नीतीश ने इसे सिर्फ आसान नहीं किया, बल्कि स्थानीय भाषा में समझाकर इसे और प्रभावशाली बना दिया.
आरीफ अली ने कहा, नीतीश की प्रतिभा देखकर हमें उसकी मां से मिलने की इच्छा हुई. नीतीश की मां इसी स्कूल में मिड डे मिल बनातीं हैं. बाघुदी गांव सदर ब्लॉक से 8 से 10 किमी की दूरी पर है. यह इलाका आदिवासियों का है. यहां मुख्य रूप से संथाली और बंगाल से सटे होने के कारण बंगाली बोली जाती है. आरीफ बच्चे की प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने नीतीश की मां को भरोसा दिया कि अगर बच्चे की पढ़ाई में कभी बाधा आयी और आगे स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई में दिक्कत हुई, तो वह हर संभव मदद की कोशिश करेंगे. आरीफ के साथ उत्तर प्रदेश से 10 लोगों की टीम इस वक्त दुमका में काम कर रही है ,जो बच्चों और अभिवाभवों के साथ बैठक कर टीका का महत्व समझा रही है.