आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज के एवज में इंश्योरेंस कंपनी को गलत बिल देने के मामले में सनराइज हॉस्पिटल पर 11 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. आयुष्मान की नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट (एनएएफयू) की ओर से जिले के विभिन्न अस्पतालों पर प्रस्तुत दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए डिस्ट्रिक्ट ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी (जिला शिकायत निवारण समिति) के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी. इस पर सुनवाई करते हुए कमेटी ने सनराइज हॉस्पिटल द्वारा समर्पित दस्तावेजों की जांच के उपरांत 11 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. साथ ही कमेटी की अगली बैठक में दोबारा से दस्तावेज समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा कई अस्पतालों को एनएएफयू के आरोपो से मुक्त कर दिया गया है. वहीं अन्य अस्पतालों द्वारा समर्पित दस्तावेजों को फिर से समर्पित करने का निर्देश कमेटी द्वारा जारी किया गया है. कमेटी की अगली बैठक में इन अस्पतालों द्वारा समर्पित दस्तावेजों की जांच की जायेगी. इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के इडी को भेजी जायेगी. सब कुछ ठीक रहा, तो अस्पतालों को फिर से आयुष्मान के तहत मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी जायेगी.
इन अस्पतालों को फिर से दस्तावेज समर्पित करने का निर्देश : सर्वमंगला नर्सिंग होम, राज क्लिनिक, जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लाइफलाइन हॉस्पिटल, आरोग्य नर्सिंग होम, एशियन द्वारिका दास जालान सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, राज क्लिनिक.इन अस्पतालों को आरोपों से किया गया मुक्त :
एएसजी आइ हॉस्पिटल, पाटलीपुत्र नर्सिंग होम, अविनाश हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, झारखंड डायबिटिक एंड आइ सेंटर, पूजा नर्सिंग होम.वर्तमान में इन अस्पतालों में आयुष्मान से इलाज की सुविधा :
चौधरी नर्सिंग होम, धनबाद नर्सिंग हाेम प्राइवेट लिमिटेड, डॉ ज्योति भूषण हेल्थ केयर एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, जिम्स हॉस्पिटल, प्रगति हॉस्पिटल, संजीवनी नर्सिंग होम, यशलोक हॉस्पिटल, दृष्टि आइ हॉस्पिटल, श्रेष्ठ नेत्र चिकित्सालय, असर्फी कैंसर संस्थान, नयनदीप आई हॉस्पिटल, नामधारी हॉस्पिटल, एसएनएमएमसीएच व सदर अस्पताल.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है