जगजीवन नगर स्थित श्री बालाजी मंदिर शनिवार को गोविंदा-गोविंदा के जयकारे से गूंज उठा. मौका था बालाजी मंदिर के 38वें स्थापना दिवस पर ब्रह्मोत्सवम् समारोह का. बालाजी टेंपल कमेटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में तिरुपति से आये पुरोहित के साथ स्थानीय पुरोहित फणी कुमार ने पूजन कराया. अभिषेक व अलंकरण के साथ भगवान वेंकटेश्वर की आराधना शुरू हुई. भक्तों ने सामूहिक सुप्रभातम श्लोक चारण व सेवा के साथ भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) को जगाया.मंगला आरती के साथ पूजा शुरू हुई. पहले दिन भक्तों द्वारा संकल्प कराया गया. अभिषेक के साथ दिन की पूजा पूरी हुई. सैकड़ों भक्तों ने भगवान बालाजी के शृंगार अलंकृत रूप का दर्शन कर उनकी चरणों में भक्ति समर्पित की. प्रसाद वितरित किया गया. शयन आरती हुई. नौ मार्च को भगवान विष्णु की कल्याणम श्रीदेवी और भूदेवी के साथ होगा. संध्या में सहस्रनाम अर्चना व सर्वदर्शन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
गूंज रही है शहनाई :
दो दिवसीय कार्यक्रम को खास बनाने के लिए विशाखापत्तनम से कलाकारों को बुलाया गया है. शहनाई, नागस्वरम, बुंदम, ढोल की संगीत लहरी बिखेरी जा रही है. शहनाई की गूंज से वातावरण पावन हो रहा है. भगवान के कल्याणम में भोग बनाने के लिए तिरुपति से महाराज को बुलाया गया है. कमेटी के सचिव जीवीएस राव बताते हैं कि हमारे यहां भगवान का भोग ब्राह्मणों द्वारा तैयार किया जाता है. इसलिए तिरुपति से पट्टावी व टीम को बुलाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है