Health News: बच्चों में अक्सर भूख न लगना माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाता है. भूख कम होना कई बार सामान्य कारणों से जुड़ा होता है, लेकिन यह कुछ बीमारियों का भी संकेत हो सकता है. एक से 10 वर्ष की उम्र के बच्चों में भूख न लगने की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. इसके पीछे मुख्य कारण पाचन तंत्र की गड़बड़ी, खून की कमी (एनीमिया), बार-बार होने वाला संक्रमण, दांत निकलना, थायरॉयड संबंधी परेशानी या मानसिक तनाव हो सकते हैं.
यदि बच्चे को लगातार कई दिनों तक भूख न लगे, वजन कम होने लगे या बार-बार उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत हो, तो तुरंत शिशु रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. यह सुझाव शुक्रवार को प्रभात खबर ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में शहर के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ उमेंद्र कुमार ने दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को संतुलित आहार दें. भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दाल, दूध और पौष्टिक अनाज शामिल करें. जंक फूड और तैलीय भोजन से बचाने की कोशिश करें.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
साथ ही बच्चों को खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों में शामिल करने से उनका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और भूख भी सामान्य रूप से लगती है. समय पर टीकाकरण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने से कई मौसमी बीमारियों से बचाव संभव है. माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य में किसी भी असामान्य बदलाव को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए.
- प्रभात खबर ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ उमेंद्र कुमार ने दी सलाह
- बच्चों में भूख की कमी, वजन कम होना, उल्टी, बुखार की समस्या होने पर शिशु रोग चिकित्सक से करें परामर्श
कतरास से रविलोचन दे ने पूछा : 19 दिन के नवजात के शरीर में फुंसी हो गयी है.
डॉक्टर : सबसे पहले तो बच्चे को सरसो व केमिकलयुक्त तेल लगाना बंद करें. जरूरत के अनुसार नारियल का तेल लगायें. बच्चे का शरीर दिन में दो बार साफ पानी से पोछें. शिशु रोग विशेषज्ञ के परामर्श से कुछ क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
बरमसिया से दीक्षा प्रिया ने पूछा : कुछ दिन पहले बच्चे को बुखार था. दो दिनों से लूज मोशन की समस्या है.
डॉक्टर : सबसे पहले बच्चे को ओआरएस देना शुरू करें. एक लीटर पानी में ओआरएस का बड़ा पैकेट घोल कर बच्चे को दिनभर में थोड़ा-थोड़ा पीने के लिए दें. इसके साथ जिंक की दवा भी दें. इससे राहत मिलेगी.
बाकारो के नावाडीह से लोकेश्वर महतो ने पूछा : 10 साल का बच्चा है. खाना खाने में आनाकानी करता है. इससे शरीर भी दुबला है.
डॉक्टर : बच्चे को संतुलित आहार देने की कोशिश करें, वह भी तब, जब वह खाना चाहता है. इसके साथ पेट में कीड़े की दवा के साथ भूख की दवा चिकित्सक की परामर्श से दे सकते हैं. इससे असर नहीं हुआ, तो कुछ जांच करानी होगी.
पूर्वी टुंडी से दिलीप मरांडी ने पूछा : दो साल की बेटी है. खाना बहुत कम खाती है.
डॉक्टर : बच्चों को भूख लगेगी, तो खुद खाना मांगेंगे. प्रयास करें कि बच्चे की रुचि के अनुसार खाने के लिए दें. इसके अलावा चिकित्सक की सलाह पर भूख लगने की दवा दें सकते है. इससे निश्चित रूप से लाभ होगा.
पिंड्राजोड़ा से राम विलास महतो ने पूछा : पांच साल के बच्चे के पैर में मस्सा हो गया है.
डॉकटर : पैरों में मस्सा कई कारणों से हो सकता है. इसके लिए बेहतर होगा की सर्जन चिकित्सक से परामर्श लें. कुछ दवाओं के जरिए मस्से की समस्या को दूर की जा सकती है.
झरिया से रविंद्र कुमार ने पूछा : रात में सोने के बाद बच्चा झटका लेता है, दवा चल रही है पर बच्चा काफी जिद्दी हो गया है.
डॉक्टर : बीमारी का पता लगाने के लिए सबसे पहले सीटी स्कैन कराना होगा. दवा देने के बावजूद झटका आने की समस्या बनी रहती है, तो दवा का डोज सेट करना जरूरी है. बच्चे के दिमाग में समस्या होने की वजह से वह झटका ले रहा है. ऐसे में उसे डांटने से समस्या जटिल हो सकती है. प्रयास करें कि बच्चे से अच्छे से पेश आयें.
भिस्तीपाड़ा से आकांक्षा ने पूछा : सात साल का बच्चा है. मौसम बदलने से वह बार-बार बीमार हो जाता है?
डॉक्टर : बच्चे का इम्युन कमजोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है. कुछ जांच के बाद बीमारी का पता लगाया जा सकता है. वर्तमान में बच्चे को गुनगुना पानी पीने के लिए दें. रोजाना गुनगुना पानी से गार्गल करायें. चिकित्सक की सलाह पर कुछ एंटीबायोटिक्स दे सकती हैं.
भूली से दिनेश नापित ने पूछा : 12 साल की बेटी है. अब भी बेड पर ही शौच कर देती है.
डॉक्टर : कुछ नियमों का पालन कर इस समस्या को दूर किया जा सकता है. सबसे पहले शाम के पांच बजे के बाद बच्ची को कुछ भी पीने के लिए नहीं दें. खासकर चॉकलेट, कॉफी, कोल्डड्रिंक बिल्कुल न दें. सोने से पहले यूरिन करवायें. कुछ दिनों तक यह फॉर्मूला अपनायें. इससे भी समस्या दूर नहीं हुई, तो बेड अलार्म थेरेपी देना फायदेमंद होगा.
गिरिडीह से नेहा कुमारी ने पूछा : तीन साल का बच्चा है. उसे साफ बोलने में परेशानी होती है?
डॉक्टर : यह स्पीच डिले की समस्या है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. बच्चे से ज्यादा से ज्यादा बात करें. जो भी बोले वह धीरे-धीरे. छोटे-छोटे शब्दों में बच्चे से बात करने का प्रयास करें. बच्चे के सामने शब्दों को दोहरायें. इससे बच्चा जल्दी और साफ बोलना सीखने लगेगा.
हीरापुर से संजय कुमार पांडेय ने पूछा : बेटी की उम्र 10 साल हो गयी है. उम्र के हिसाब से हाइट काफी कम है.
डॉक्टर : सबसे पहले बच्ची के वजन का पता लगाना जरूरी है. वजन के तुलना में हाइट का अनुमान लगाया जा सकता है. वजन के अनुसार हाइट कम है, तो कुछ जांच कराना होगा. इस दौरान बच्ची को कुछ कैल्शियम और विटामिन की दवाएं दे सकते हैं.
धनबाद से अजय कुमार ने पूछा : बच्चे को डायरिया से बचाने के लिए कौन सा टीका लगाना चाहिए?
डॉक्टर : आम तौर पर बच्चे को डायरिया से बचाव के लिए रोटावायरस टीका लगाया जाता है. यह टीका बच्चे के जन्म के छह, 10 व 14 सप्ताह पर दिया जाता है. यह डायरिया से बचाव के लिए कारगर उपाय है.
सरायढेला से सुनीता पटेल ने पूछा : छह साल का नाती है. उसे मोशन में समस्या है?
डॉक्टर : स्कूल जाने वाले बच्चों में यह आम समस्या है. इसकी मुख्य वजह बच्चों का कम पानी पीना है. स्कूल में बच्चे कम पानी पीते हैं, इससे उन्हें यह समस्या होती है. प्रयास करें कि घर आने के बाद बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए दें. खाने में फल, सब्जियां और हाइ फायइबर युक्त डायट शामिल करें. इसके बाद भी समस्या दूर नहीं हुई, तो चिकित्सक की परामर्श लें.
सहयोगी नगर से मनोज कुमार सिंह ने पूछा : बच्चों को मौसमी बीमारियों से कैसे बचाएं?
डॉक्टर : मौसमी बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए सबसे पहले सफाई पर ध्यान देना आवश्यक है. इसके अलावा बच्चों को पानी उबाल कर ठंडा होने के बाद दें. पोषण का ख्याल रखें. इससे काफी हद तक मौसमी बीमारियों से बचाव संभव है.
इसे भी पढ़ें
उम्रकैद की सजा काट रहे झारखंड के 51 कैदियों के लिए खुशखबरी, जल्द होंगे रिहा
Weather Forecast: 23, 24 और 25 अगस्त को झारखंड में होगी बहुत भारी वर्षा, IMD का अलर्ट
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

