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Durga Puja 2025: दुर्गा पूजा की उमंग पर शुक्रवार दोपहर तेज हवा के साथ हुई बारिश ने खलल डाल दिया. दोपहर में मौसम ने अचानक करवट बदली. दोपहर 1:30 बजे के बाद करीब 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं और गरज के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गयी. देखते ही देखते कई इलाकों में सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल और तोरण द्वार गिरने लगे. भूली के बी ब्लॉक में 110 फीट ऊंचा भव्य पंडाल तेज हवा की मार नहीं झेल सका और भरभरा कर गिर गया. स्टील गेट और मटकुरिया रोड समेत कई स्थानों पर तोरण द्वार गिर गये. इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गयी. कुछ देर के लिए यातायात भी बाधित रही. हालांकि, जानमाल की हानि नहीं हुई.
Durga Puja 2025: पूजा पर मौसम की मार
मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले पांच दिनों तक मॉनसून सक्रिय रहेगा. शनिवार को रुक-रुक कर बारिश होगी. रविवार को गरज के साथ दिन में एक दो बार बारिश और सोमवार को दिनभर बादल छाये रहने का पूर्वानुमान है. वहीं, 30 सितंबर और एक अक्टूबर को बादल घिरे रहेंगे और गरज-चमक के साथ दिन में एक-दो बार बारिश की संभावना बनी रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को धनबाद में 21.6 मिमी बारिश हुई. धनबाद में एक जून से अब तक रिकॉर्ड 1357 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक है.

पूजा समितियां युद्धस्तर पर मरम्मत में जुटीं
इधर, पूजा समितियों ने कहा है कि मौसम की मार के बावजूद श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पंडालों और टूटे तोरण द्वारों की मरम्मत युद्धस्तर पर की जा रही है. श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा व दर्शन निश्चित होकर कर सके. इसके लिए विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं.
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भूली में तिरुपति बालाजी की आकृति वाला पंडाल गिरा
धनबाद के प्रसिद्ध दुर्गा पूजा में एक भूली बी ब्लॉक सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति द्वारा बनाया जा रहा तिरुपति बालाजी मंदिर की आकृति वाला भव्य पंडाल शुक्रवार की दोपहर ढाई बजे बारिश व तेज हवा से धराशायी हो गया. संयोग से घटना के समय पंडाल पर कोई कारीगर काम नहीं कर रहा था. करीब 110 फीट ऊंचा और 90 फीट चौड़ा यह पंडाल 15 लाख की लागत से बनाया जा रहा था. पंडाल को थर्मोकोल से सजाया जा रहा था.

स्थिति देख सदमे में गिर पड़े डेकोरेटर मालिक
पंडाल का निर्माण जय मां डेकोरेटर, तिलाटांड़, कतरास द्वारा किया जा रहा था. पंडाल गिरने की खबर मिलते ही डेकोरेटर के मालिक सुरेश चौहान पहुंचे और स्थिति देख सदमे से गिर पड़े. उन्हें स्थानीय लोगों ने संभाला. लोगों का कहना है कि पंडाल की नींव महज एक फीट गहरी थी और बांसों को मजबूत सहारा नहीं दिया गया था. यही वजह रही कि बारिश और हवा के दबाव में पूरा पंडाल भरभरा कर गिर गया. घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग बी ब्लॉक पहुंचे. लोगों की मदद से पंडाल में लगे बांस हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. इधर, प्रशासन ने भी पहुंच कर जायजा लिया. भूली के अन्य सभी पूजा पंडाल सुरक्षित हैं.
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