धनबाद.
एक दशक पहले तक धनबाद के तोपचांची व टुंडी को नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहा जाता था. नक्सलियों की दहशत से लोग लोकतंत्र के महापर्व में शामिल होने से भी डरते थे. लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अथक प्रयास से अब धनबाद से नक्सली लगभग समाप्त हो चुके हैं. इस क्षेत्र में एक दशक से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी किसी तरह की नक्सल गतिविधियां नहीं देखी गयी. इसे समाप्त करने के पीछे सरकार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. पुलिस अधिकारियों की बढ़ी गतिविधियां लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है. 49 दिन बाद धनबाद और गिरिडीह में 25 मई को मतदान होना है. लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से पुलिस प्रशासन लगातार पूरे जिला में भ्रमण कर रहे हैं. एसएसपी एचपी जनार्दनन स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं. उन्होंने हाल ही में बाइक से गोविंदपुर से लेकर टुंडी के सुदूर क्षेत्रों तक भ्रमण किया. जहां कभी नक्सलियों का डर हुआ करता था वैसे क्षेत्रों में गये और बूथों का निरीक्षण किया. लोगों से मिले और मतदाताओं को जागरूक कर लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने की अपील की. वह लगातार किसी न किसी क्षेत्र में जा रहे हैं. एसपी व डीएसपी भी संभाल रहे मोर्चा एसएसपी ने सिटी व ग्रामीण एसपी के अलावा सभी डीएसपी- एसडीपी को भी क्षेत्र में लगातार जाने का निर्देश दिया है. ऐसे में खास कर डीएसपी हेडक्वार्टर वन शंकर कामती हों या डीएसपी टू संदीप गुप्ता सभी अपने-अपने क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रहे हैं. डीएसपी टू के क्षेत्र में टुंडी और पूर्वी टुंडी है, जबकि डीएसपी वन के क्षेत्र में गोविंदपुर और बरवाअड्डा के सुदूर क्षेत्र आते हैं. बाघमारा एसडीपीओ भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में घूम रहे हैं. लोगों से मिल रहे पुलिस पदाधिकारी पुलिस की गश्ती और क्षेत्र भ्रमण से लोगों का विश्वास पुलिस पर बढ़ रहा है. पुलिस लगातार लोगों से संपर्क कर मतदान करने का अपील कर रही है. वरीय पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को उनके घर तक पहुंचने से लोगों में उत्साह दिख रहा है.