साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रभात खबर द्वारा चलाया जा रहा जन जागरूकता अभियान का कारवां शुक्रवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर पहुंचा. इस अवसर पर विद्यार्थियों व शिक्षकों को साइबर सुरक्षा और बचाव के उपायों की जानकारी दी गयी. धनबाद पुलिस द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में साइबर डीएसपी संजीव कुमार, ट्रैफिक डीएसपी मुख्य अतिथि और स्कूल के प्राचार्य सुमंत मिश्रा और धनसार थाना प्रभारी मनोज कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. इस मौके पर डीएसपी संजीव कुमार और धनबाद साइबर एसआइ कुंदन कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की. कार्यक्रम के दौरान स्कूल के प्राचार्य सुमंत मिश्रा ने प्रभात खबर के इस जागरूकता अभियान की सराहना की. कार्यक्रम में साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने विद्यार्थियों को आगाह करते हुए कहा कि इंटरनेट वर्ल्ड में उनकी सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है. उन्होंने बताया कम उम्र के युवाओं का काफी समय ऑनलाइन बीतता है. लेकिन वह यह नहीं जानते हैं कि ऑनलाइन दुनिया अपराधियों का माया जाल भी है. इसमें और लालच होते हैं. अगर आप डर गये, तो परेशानी है और लालच में फंसे, तो भी परेशानी है. इन दोनों स्थितियों में केवल साइबर अपराधियों को ही आप लाभ पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि आम अपराध में अपराधी की पहचान आसान है, जबकि साइबर अपराध में अपराधी तक पहुंचना आसान नहीं है. क्योंकि आप अपराधी को नहीं जानते हैं. वह आपके सामने नहीं होता है. ऐसे में सतर्कता ही बचाव का सबसे बेहतर उपाय है.
अनजान लिंक, अज्ञात कॉल, फर्जी ई-मेल से बचें :
उन्होंने ने विद्यार्थियों को साइबर अपराधियों की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समझदार लोग ही अपनी नासमझी की वजह से साइबर फ्रॉड के सबसे अधिक शिकार होते हैं. उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि कैसे पढ़े लिखे लोग साइबर फ्रॉड का शिकार होकर करोड़ों रुपये गवां चुके हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को अनजान लिंक, अज्ञात कॉल, फर्जी ई-मेल और डिजिटल निमंत्रण कार्ड डाउनलोड करने से बचने की सलाह दी.साइबर अपराध के तरीकों और बचाव की गयी जानकारी
कार्यक्रम के दौरान साइबर थाना के एसआइ कुंदन कुमार सिंह ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को साइबर अपराध के तरीकों की जानकारी दी. बताया कि फ्रॉड करने वाले ऐसे फोन नंबर का इस्तेमाल करते हैं] जिसका अंतरराष्ट्रीय कोड हो. ऐसे फोन नंबर किसी कंपनी या सरकारी एजेंसी के फोन कोड से मिलते-जुलते हैं. टेक्स्ट मैसेज के सहारे अपराध को अंजाम दिया जाता है. मैसेज में बताया जाता है कि बैंक, बिजनेस या सरकारी एजेंसी की तरफ से पूछताछ की जा रही है.संदिग्ध ई-मेल में स्पेलिंग ठीक से चेक करें :
साइबर अपराधी ई-मेल या ह्वाट्सएप्प के माध्यम से कोई अंजान लिंक भेजते हैं. इस लिंक पर क्लिक करते ही आपकी सारी जानकारी फ्रॉड करने वाले के पास चली जाती है. वह आपके मोबाइल को दूर से बैठकर अपने कब्जे में ले लेता है. इससे बचने का आसान तरीका है कि संदिग्ध ई-मेल का एड्रेस ठीक से चेक करें. ऐसे मेल में स्पेलिंग की कुछ गलतियां होती हैं, जिसे पकड़ने की जरूरत होती है.बच्चों में साइबर सुरक्षा की जागरूकता जरूरी :
स्कूल के प्राचार्य सुमंत मिश्रा ने प्रभात खबर द्वारा चलाये जा रहे जन जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आज के दौर में साइबर अपराधियों के निशाने पर हर कोई है. थोड़ी-सी लापरवाही किसी को भी साइबर ठगी का शिकार बना सकती है, इसलिए विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देना बेहद जरूरी है.अभियान का उद्देश्य और भविष्य की योजना :
कार्यक्रम के दौरान प्रभात खबर के वरीय संपादक जीवेश रंजन सिंह ने अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पहल का मकसद किशोरों और युवाओं को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में सतर्क और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार अपनाना बेहद आवश्यक है.सावधानी ही सुरक्षा है : डीएसपी अरविंद सिंह
कार्यक्रम धनबाद के ट्रैफिक डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से साइबर स्पेस में सतर्कता ही बचाव का सबसे बेहतर साधन है. इसी तरह सड़क पर ट्रैफिक नियमों के प्रति सतर्क रहकर ही दुर्घटना से बचा जा सकता है. ट्रैफिक नियमों का पालन करना हमारी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. रोड पर चलते समय यातायात संकेतों का ध्यान रखें और नियमों का सम्मान करें. बाइक या स्कूटर चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें, क्योंकि यह सिर की चोट से बचाता है. कार चलाते समय सीट बेल्ट जरूर बांधें, यह दुर्घटना के समय गंभीर चोटों से बचाव करता है. सुरक्षित यातायात कर जिम्मेदार नागरिक बनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. याद रखें, सावधानी में ही सुरक्षा है.बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है जेजे एक्ट : मनोज कुमार
मौके पर धनसार थाना प्रभारी मनोज कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा बच्चों को साइबर अपराध के साथ “प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्सेस (पॉक्सो) एक्ट, 2012 के बारे में जानना चाहिए. इसके तहत बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, शोषण और अश्लीलता जैसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई होती है. इसके साथ ही बच्चों को जुवेनाइल जस्टिस (जेजे) एक्ट के बारे में भी जनाना चाहिए. यह एक्ट बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है जो अपराध करते हैं या जिनकी देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है. दोनों कानूनों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित, सम्मानजनक और संरक्षित वातावरण प्रदान करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

