धनबाद : पीएमसीएच की जो स्थिति है, उसमें किसी के लिए कोई मुरव्वत नहीं. क्यों न वह विलुप्त होती जा रही जनजाति बिरहोर से हो, जिसे बचाये रखने के लिए सरकार योजनाएं चलाती है. चलकरी (तोपचांची) की रोहिनी बिरहोरनी (24) उन्हीं में से एक है.
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पीएमसीएच में रोहिनी बिरहोरनी को भी दवा नहीं, परची लेकर घूम रहा पति, पैसा नहीं
धनबाद : पीएमसीएच की जो स्थिति है, उसमें किसी के लिए कोई मुरव्वत नहीं. क्यों न वह विलुप्त होती जा रही जनजाति बिरहोर से हो, जिसे बचाये रखने के लिए सरकार योजनाएं चलाती है. चलकरी (तोपचांची) की रोहिनी बिरहोरनी (24) उन्हीं में से एक है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में उसे दवा तक […]
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में उसे दवा तक मयस्सर नहीं हो रही है. उलटी और लूज मोशन के बाद उसे शुक्रवार को पीएमसीएच में भर्ती करया गया. उसके पति नंदलाल बिरहोर को अस्पताल में दवा की परची पकड़ा दी गयी.
नंदलाल ने रविवार को बताया कि उसके पास 1500 रुपये ही थे, जो दो दिन में खत्म हो चुके हैं. अब उनके पास दवा के लिए पैसे नहीं है. जबकि उसे फिर से दवा की परची पकड़ा दी गयी है. वह मदद के लिए भटक रहा है. पैसे के अभाव में दवा नहीं ला पा रहा है. इसके कारण इलाज प्रभावित हो रहा है.
तीन बार बाहर से ला चुका है दवा : नंदलाल ने बताया कि 1500 रुपये में अभी तक 734 रुपये की दवा वह बाहर से खरीद कर ला चुका है. इसके बाद बचे पैसे भाड़ा व अन्य कार्य में खर्च हो चुके हैं. उसने अपने पहचान वाले से पैसे मांगे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.
आखिर अब वह पत्नी का इलाज कैसे करा पायेगा. उसने बताया कि वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. उसके चार बच्चे हैं. पत्नी रोहिनी के बीमार पड़ने के बाद उसके बच्चे भी अस्पताल में ही हैं. उनके खाने तक की व्यवस्था नहीं है.
डीसी ने गोपनीय प्रभारी को भेजा मदद की
डीसी अमित कुमार को रोहिनी बिरोहरनी की हालत की सूचना मिलते ही उन्होंने अपने गोपनीय प्रभारी को पीएमसीएच भेजा. प्रभारी ने बिरोहरनी को दवा और जरूरी समान दिये. इसके अलावा पीएमसीएच प्रबंधन को महिला का समुचित इलाज कराने का निर्देश दिया.
बिरहोर का समुचित इलाज कराना अस्पताल की जिम्मेदारी है. दवा के लिए अलग से बिल आवंटित किया जाता है. मामले को देखते हैं. हर मदद दी जायेगी.
डॉ. एचके सिंह, अधीक्षक, पीएमसीएच.
हर सुविधा मिलनी चाहिए
सरकार का आदेश है कि इलाज को आने वाले बिरहोर के लिए समुचित व्यवस्था अस्पताल को करनी है. उसके इलाज में खर्च होने वाली राशि के साथ ही अस्पताल में उनके साथ रहने वाले परिजनों की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल की होती है. लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है.
परची नहीं होने के कारण रुका मरीजों का एक्स-रे
धनबाद : पीएमसीएच में रविवार को किसी का एक्स-रे नहीं हो सका. क्योंकि एक्स-रे के लिए दी जाने वाली परची नहीं थी. जो मरीज आये, उन्हें लौटा दिया गया. जानकारी के अनुसार एक्स-रे इंचार्ज नयी परची निकालना भूल गये थे.
पहले से जो परची बुक चल रही थी, वह खत्म हो गयी थी. रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण इंचार्ज अस्पताल नहीं आये. सुबह में एक्स-रे चेंबर खुल गया. गंभीर हालत में आने वाले मरीजों का भी एक्स-रे नहीं हुआ. उन्हें यह बोल कर वापस भेज दिया गया कि सोमवार को ही एक्स-रे होगा.
आज ही कराना है तो बाहर में जाकर करा लें. अंत में मरीजों को निजी लैब में जाना पड़ा. इंतजार करने वालों में भितिया गोविंदपुर की सकीना बीबी भी थी. उसके साथ मारपीट की गयी थी. इलाज के लिए पीएमसीएच की इमरजेंसी में आयी तो चिकित्सकों ने चेस्ट और दायें हाथ का एक्स-रे कराने का कागज बना कर दे दिया.
लेकिन यह जब अस्पताल के एक्स-रे सेंटर में गयी तो परची नहीं होने की जानकारी हुई. वह मिन्नत करते हुए कहने लगी कि वह चल नहीं पा रही है. बाहर कहां जाये. किसी तरह एक्स-रे करा दीजिये लेकिन उसकी एक ना सुनी गयी. घंटों बाहर में बैठने के बाद वह अस्पताल से चली गयी.
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