-आउटसोर्सिंग संचालकों को ‘सरदार’ का फरमान
धनबाद : बाघमारा कोयलांचल में सक्रिय ‘रंगदारों के सरदार’ काे अब रंगदारी के साथ आउटसोर्सिंग कार्यों में भी हिस्सेदारी चाहिए. इसे लेकर उसने बाकायदा फरमान भी जारी कर दिया है. फरमान में ‘सरदार’ ने कहा है कि बाघमारा में आउटसोर्सिंग करना है या काम लेना हैं, तो पहले उनकी कंपनी (सरदार की) के साथ ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाना होगा. इसके बाद ही काम मिलेगा. वहीं दूसरी ओर आउटसोर्सिंग कंपनियां ने ‘सरदार’ की कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाने यानी पार्टनरशिप करने से इनकार कर दिया है. हालांकि आउटसोर्सिंग कंपनी ‘सरदार’ की अन्य शर्तों को मानने को तैयार है.
क्या है मामला : कोयला व ओवर बर्डेन (ओबी) उत्खनन और ट्रांसपोर्टिंग को लेकर बीसीसीएल ने बाघमारा कोयलांचल में पड़ने वाली बेनीडीह (ब्लॉक-टू एरिया) व निचितपुर (सिजुआ एरिया) कोलियरी में नयी परियोजना खोलने को लेकर टेंडर (निविदा) आमंत्रित किया है. बेनीडीह कोलियरी से 30.32 लाख मीट्रिक टन कोयला, 112.65052 लाख क्यूबिक मीटर ओबी व 66.68135 लाख लूज ओबी निकासी को लेकर एक जुलाई को 2.15 अरब रुपये का टेंडर निकला है. 19 जुलाई तक टेंडर पेपर खरीदारी का अंतिम दिन है, जबकि 23 जुलाई को रिवर्स ई-ऑक्शन होगा. वहीं सिजुआ एरिया की निचितपुर कोलियरी में 45.50 लाख मीट्रिक टन कोयला, 166.07446 लाख क्यूबिक मीटर ओबी व 69.50 लाख क्यूबिक मीटर लूज ओबी खनन व ट्रांसपोर्टिंग कार्य के लिए 2.60 अरब रुपये का टेंडर निकला है. टेंडर पेपर खरीदारी की अंतिम तिथि 17 जुलाई है और रिवर्स ई-ऑक्शन 22 जुलाई को होना है. 22 और 23 जुलाई को आयोजित होनेवाले रिवर्स ई-ऑक्शन में दोनों टेंडर ‘सरदार’ की ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी को मिले, इसके लिए जाेड़-ताेड़ हाे रही है. अब बिडिंग होना व काम मिलना शेष है.
ऊहापोह में पड़ी हैं आउटसोर्सिंग कंपनियां
‘सरदार’ के फरमान से स्थानीय आउटसोर्सिंग कंपनियां ऊहापोह में हैं. कोयला व ओबी निकासी व ट्रांसपोर्टिंग कार्य के लिए बीसीसीएल द्वारा निचितपुर में 2.60 अरब रुपये व बेनीडीह में 2.15 अरब रुपये का टेंडर (निविदा) निकालने के बावजूद भय से आउटसोर्सिंग कंपनियां टेंडर में भाग नहीं ले रही है, क्योंकि अप्रत्यक्ष रूप से कहा जा रहा है कि ‘सरदार’, जो अभी तक डीओ होल्डरों, ट्रांसपोर्टरों, आउटसोर्सिंग कंपनी व ई-ऑक्शन आदि क्षेत्रों से रंगदारी की वसूली करता रहा है, अब उसको आउटसोर्सिंग कंपनियों में भी हिस्सेदारी चाहिए. जो कंपनियां यहां काम करेंगी, उसमें उसे 50 फीसदी की हिस्सेदारी चाहिए. हालांकि टेंडर पेपर खरीदारी में अभी पांच दिन शेष हैं.
…और काम छोड़ निकल गयीं साउथ की कंपनियां
बताते हैं कि ‘सरदार’ से हाथ मिला कर पहले भी साउथ की आउटसोर्सिंग कंपनियां बाघमारा क्षेत्र में काम ले चुकी हैं, लेकिन एक भी कंपनी ने समय से अपने काम को पूरा नहीं किया और काम बीच में छोड़ कर निकल गयीं. इस कारण बीसीसीएल को अब तक काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है. सूत्रों की माने, तो बाघमारा क्षेत्र में अब तक साउथ की कंपनी सैली इंफ्रा, बी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड, आइसीसीएमएल, केआरआर आदि आउटसोर्सिंग कंपनी काम ले कर फ्लॉप हो चुकी है.