Advertisement
झरिया में महीनों से चल रही थी मिनी गन फैक्टरी, खरीदारों में कई सफेदपोश भी
धनबाद : झरिया के होरलाडीह हमीद नगर और शमशेर नगर में पकड़ी गयी दो मिनी गन फैक्टरी से झारखंड समेत दूसरे राज्यों में हथियारों की सप्लाइ की जाती थी. महीनों से इसका संचालन हो रहा था. पिस्टल की खरीद-बिक्री के लिए कई एजेंट सक्रिय थे. एजेंट के माध्यम से ही आर्म्स की किसी गुप्त जगह […]
धनबाद : झरिया के होरलाडीह हमीद नगर और शमशेर नगर में पकड़ी गयी दो मिनी गन फैक्टरी से झारखंड समेत दूसरे राज्यों में हथियारों की सप्लाइ की जाती थी. महीनों से इसका संचालन हो रहा था.
पिस्टल की खरीद-बिक्री के लिए कई एजेंट सक्रिय थे. एजेंट के माध्यम से ही आर्म्स की किसी गुप्त जगह पर डिलिवरी की जाती थी. पुलिस जांच में पिस्टल खरीदने वालों में कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम भी सामने आये हैं.
इसकी जांच की जा रही है. सत्यापित होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. यह जानकारी एसएसपी किशोर कौशल ने रविवार की शाम अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में दी.
विदित हो कि पुलिस ने शनिवार की रात झरिया में छापामारी कर दो गन फैक्टरी में छापामारी की थी. इस दौरान पकड़े गये छह लोगों को रविवार को जेल भेज दिया गया. इनमें चार लोग पिस्टल बनाने वाले मिस्त्री हैं, जिन्हें बिहार के मुंगेर से बुलाया गया था.
25 हजार में एक पिस्टल : पिस्टल की कीमत खरीदार के अनुसार होती थी. आम तौर पर एक पिस्टल की कीमत 20-25 हजार रुपये रखी गयी थी. एसएसपी ने बताया कि एक पिस्टल बनाने में डेढ़ से दो दिन लगता था. बरामद पिस्टलों में 45 निर्मित और 95 अर्धनिर्मित हैं. पिस्टल 9 एमएम और 7.62 एमएम की हैं.
आरिफ और इसरार के घर में पकड़ायी फैक्टरी : एसएसपी ने बताया : एक गन फैक्टरी मो. आरिफ अहमद (40), जो हेलाल अहमद के घर में हमीद नगर नीचे कुल्ही में किराये के मकान में रहता था और दूसरी गन फैक्टरी मो. इसरार अहमद उर्फ भोलू (48), जो मो. निसार के घर किराये पर रहता था, चल रही थी.
दोनों फैक्टरियों की दूरी 100 मीटर होगी. आरिफ और इसरार दोनों फैक्टरी के संचालक भी हैं. दोनों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पायी है. मो. इसरार एक बार प. बंगाल में भी गन फैक्टरी चलाने के आरोप में जेल जा चुका है.
Advertisement