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काम बंद कराने वालों से सख्ती से निपटेगा बीसीसीएल प्रबंधन

थर्ड पीआरसी का विरोध, 19 को कंपनी मुख्यालय पर प्रदर्शन धनबाद : बीसीसीएल व कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों के अधिकारियों ने तृतीय वेतन पुनरीक्षण (थर्ड पीआरसी) के विरोध में सोमवार को काला बिल्ला लगा कर काम किया. 19 सितंबर को कोयला अधिकारी अपने-अपने मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन करेंगे. 26 सितंबर को कोल इंडिया […]

थर्ड पीआरसी का विरोध, 19 को कंपनी मुख्यालय पर प्रदर्शन

धनबाद : बीसीसीएल व कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों के अधिकारियों ने तृतीय वेतन पुनरीक्षण (थर्ड पीआरसी) के विरोध में सोमवार को काला बिल्ला लगा कर काम किया. 19 सितंबर को कोयला अधिकारी अपने-अपने मुख्यालयों के समक्ष प्रदर्शन करेंगे. 26 सितंबर को कोल इंडिया मुख्यालय कोयला भवन के समझ प्रदर्शन किया जायेगा. कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया बीसीसीएल शाखा के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय की मानें तो बीसीसीएल में आज कंपनी मुख्यालय कोयला भवन से लेकर एरिया स्तर पर शत-प्रतिशत अधिकारियों ने काला बिल्ला लगा कर काम किया. उन्होंने अधिकारियों से अपनी मांगों को लेकर पूरी एकता के साथ थर्ड पीआरसी का विरोध करने की अपील की है. साथ ही 19 सितंबर को कंपनी मुख्यालय कोयला भवन पर आहूत एक दिवसीय प्रदर्शन को एेतिहासिक बनाने का आह्वान किया है.
ओएनजीसी की तर्ज पर वेतन की मांग : कोयला अधिकारी ओएनजीसी व महारत्न कंपनी की तर्ज पर वेतन पुनरीक्षण करने की मांग कर रहे है. वे सब-ऑर्डिनेट इंजीनियरों का वेतन अप ग्रेड करने, जूनियर अधिकारियों की वेतन विसंगति अविलंब दूर करने, पेंशन मद में की जा रही सात प्रतिशत राशि की कटौती पर अविलंब रोक लगाने व कोल अधिकारियों को पूर्व की भांति कोलफील्ड अलाउंस देने आदि की मांग कर रहे हैं.
धनबाद : कोयला की गुणवत्ता बनाये रखना कंपनी का मुख्य उद्देश्य है. ऐसे में हर हाल में इसका पालन हर स्तर पर होना चाहिए. अधिकारी कोल री-हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) से शत-प्रतिशत क्रश कोयला ही डिस्पैच करे. यह अपील सोमवार को बस्ताकोला एरिया के सीके साइडिंग पहुंचे कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआइ) बीसीसीएल ब्रांच के प्रतिनिधिमंडल ने कंपनी के अधिकारियों से की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय ने कहा कि अधिकारी दबाव में भी डोजर से कोयला क्रश न करें. उन्होंने 19 सितंबर को कोयला भवन पर प्रस्तावित प्रदर्शन को ऐतिहासिक बनाने की अपील की. प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के महासचिव भवानी बंद्योपाध्याय, अखिलेश कुमार सिंह, एके सिंह, पीयूष तिवारी, रफी आलम, एमके सिंह, एसके शर्मा समेत बड़ी संख्या में अधिकारी शामिल थे.
70% नर्सिंग होम में नहीं होता प्री एनेस्थेसिया चेकअप
क्यों हैं पीएसी जरूरी
इससे मरीज के कंप्लिकेशन का पता चल जाता है.
हृदय व अस्थमा के मरीज के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है.
ऑपरेशन के वक्त ओवरडोज का मामला नहीं होता है.
ऑपरेशन के दौरान मौत के मामले काफी कम हो जाते हैं.
यह मेडिकल प्रावधान भी है.
ऑपरेशन में एनेस्थेटिस्ट की भूमिका होती है बेहद खास
किसी भी ऑपरेशन में एनेस्थेटिस्ट की भूमिका बेहद खास होती है. इनके कारण ही मरीज को निश्चेचित किया जाता है. ये डॉक्टर आॅपरेशन से पहले संबंधित मरीज की प्री एनेस्थेसिया चेकअप (पीएसी) करते हैं. इस जांच में सफल होने पर ही मरीज का किसी भी प्रकार का ऑपरेशन होता है. चेकअप में योग्य नहीं पाये जाने पर ऑपरेशन कैंसल कर दिया जाता है. इसके बाद कमियों को दूर करके फिर से ऑपरेशन के लिए तैयार किया जाता है. लेकिन एनेस्थेटिक्स की कमी के कारण कोयलांचल के कई निजी नर्सिंग होम, अस्पताल, पॉली क्लीनिक आदि बिना (पीएसी) के ऑपरेशन कर रहे हैं.
बिना डिग्री के कई दे रहे एनेस्थेसिया : एसोसिएशन
इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलाजिस्ट के जिला उपाध्यक्ष डॉ डीके सिंह ने कहा कि किसी भी अस्पताल में पीएसी बेहद जरूरी होता है. यह मरीजों का अधिकार भी है. पीएमसीएच व सेंट्रल अस्पताल में हर ऑपरेशन से पहले पीएसी होता है. वहीं कुछ डॉक्टर ट्रेनिंग लेकर ही बड़े आपरेशन में भाग ले रहे हैं, जबकि प्रावधान के अनुसार उन्हें किसी एनेस्थेटिक्स की देखरेख में ऑपरेशन करना है. ट्रेनिंग लेने वाले केवल फैमिली प्लानिग ही कर सकते हैं. कुछ लोग फर्जी पद लिखकर भी एनेस्थेसिया दे रहे हैं. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

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