बरवाअड्डा: बरवाअड्डामें दो बच्चों और उनकी मां की हत्या से लोग सदमे में हैं. जिसे भी घटना की जानकारी हुई उसने हत्यारे को कोसा. आस-पास के लोग घटनास्थल पर बड़ी संख्या में जुट गये. मृतका अनुपमा के परिजन तो पछाड़ें खा ही रहे थे, वहां जुटीं महिलाओं की आंखें भी नम थीं. सबूत भले ही पर्याप्त न हो, लेकिन लोगों की राय थी कि भैरवनाथ शर्मा ही अपनी पत्नी और बच्चों का कातिल है. कानून के डर से घटना को अंजाम देकर फरार हो गया है. इसे पीछे अवैध संबंध की बात भी लोग मान रहे हैं. पुलिस उस लड़की का पता लगा रही है. पुलिस को अनुपमा के परिजनों ने उसका नंबर उपलब्ध करा दिया है.
पति, सास-ससुर की गिरफ्तारी के लिए हंगामा : परिजनों लाश उठाने को लेकर हंगामा करने लगे. लड़की के मैके से आए परिजनों ने कहा कि पहले हत्यारा भैरव नाथ शर्मा, ससुर राजेंद्र प्रसाद दसौंधी, सास गायत्री देवी एवं अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार करें तब जाकर लाश उठने दिया जायेगा. थाना प्रभारी दिनेश कुमार के समझाने–बुझाने के बाद तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने दिया गया.
हत्यारा जल्द गिफ्तार हो : फूलचंद : धटना की सूचना पर विधायक फूलचंद मंडल, जिप सदस्य दुर्योधन प्रसाद चौधरी, कांग्रेस नेता उमाचरण महतो आदि ने पीड़ित परिवार के लोगों को ढाढ़स बंधाया और एसपी से हत्या में शामिल लोगों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की.
मेरा बेटा हत्यारा नहीं हो सकता : भैरव के पिता
भैरव नाथ शर्मा के पिता राजेंद्र प्रसाद दसौंधी ने बताया कि मेरा बेटा अपनी पत्नी एवं बच्चों की हत्या कभी नहीं कर सकता है. मेरा बेटा निर्दोष है. हत्या में किसी दूसरे का हाथ है. पुलिस जांच से हत्या से परदा उठ जायेगा. मेरी बेटी की मौत पांच वर्ष पूर्व गोरहर थाना क्षेत्र के धरगुल्ली गांव में हुई थी. बेटी की जलकर मौत हो गयी थी. जिसके बाद हुए समझौते के अनुसार मुझे अपने जंवाई को तीन लाख रुपये देने थे. मैंने एक लाख दिया. बाकी रुपया अभी तक नहीं दे पाया हूं. मुझे शक है कि कहीं इसी कारण तो हत्या नहीं की गयी.
भैरव नाथ ने ही की हत्या : अनुपमा के पिता
अनुपमा के पिता राजेंद्र राय निवासी गैडा–बरकट्ठा जिला हजारीबाग ने बताया कि वर्ष 2013 में बड़े धूमधाम से अपनी इकलौती बेटी की शादी भैरव से की थी. शादी में सामर्थ्य के अनुसार दान–दहेज भी दिया. दो नन्हें–मुन्हें बच्चों के घर में आने के बाद घर में खुशी का माहौल रहने लगा. लेकिन भैरवनाथ ने अपनी राह में बेटी को रोड़ा बनते देख अनुपमा एवं अपने बच्चों को रास्ते से हटाने के लिए हत्या कर दी. भैरव नाथ शर्मा ने साजिश के तहत अपने पिता राजेंद्र प्रसाद दसौंधी, मां गायत्री देवी एवं अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर बेटी एवं नाती नतिनी हत्या कर दी. विगत कई माह से भैरव अनुपमा को परेशान कर रहा था. परिवार के लोगों से अनुपमा को मिलने नहीं दिया जा रहा था. अनुपमा एक माह अपने मायके गैडा में रही फिर बरवाअड्डा आ गयी. इस दौरान उसने सारी बात बतायी. परिजनों ने भैरव एवं उसके माता, पिता पर कार्रवाई की मांग की.
जीजाजी का अवैध संबंध : अनुपमा का ममेरा भाई
इस संबंध में रेवाली–हजारीबाग से पहुंचे अनुपमा के ममेरे भाई विवेक राय ने बताया कि जीजाजी भैरव नाथ शर्मा का एक लड़की से अवैध संबंध है. इसी को लेकर बहन अनुपमा की हत्या की गयी है. अनुपमा ने कुछ दिन पहले उसे बताया था कि तुम्हारे जीजाजी अपने मोबाइल से घंटों बात करते रहते हैं. पूछने पर डांटते है और मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. तुम इस नंबर पर फोन कर पता करो कि यह किसका नंबर है. मैंने 21 सितंबर 2017 को एक बजकर 24 मिनट पर उक्त नंबर पर फोन किया तो एक लड़की ने फोन उठाया. कुछ पूछना चाहा तो उसने फोन काट दिया. थोड़ी देर बाद ही जीजाजी का फोन मेरे मोबाइल पर आया. जीजाजी ने पूछा कि अभी तुमने किसे फोन किया था. फिर ज्यादा देर बात नहीं की और फोन काट दिया. पुलिस उक्त नंबर की छानबीन एवं मेरे जीजाजी का कॉल डिटेल्स निकालने पर हत्या से परदा उठ जायेगा.
हत्यारे ने घटना के बाद शराब पी
सिटी एसपी पीयूष पांडेय के बुलावे पर सीआइएसएफ की डॉग स्क्वायड की टीम घटनास्थल पहुंची और जांच की. शव को सूंघने के बाद कुत्ता घर की सीढ़ी से छत के ऊपर गया और फिर नीचे उतकर घर से 2 सौ 60 मीटर की दूरी तय कर जुआ अड्डा तक पहुंचा. वहां शराब की बोतल और ग्लास मिले. टीम ने शक जाहिर की कि हत्या के बाद हत्यारों ने शराब पी ओर चलते बने.
हर आंखें थीं नम, भैरव को खोज रहे थे लोग
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के एक हजार से अधिक लोग घटनास्थल पहुंचे. जिसने भी लाशों को देखा, रो पड़ा. वहां पहुंचा शायद ही कोई पत्थर दिल इंसान होगा, जिसकी आंखों से आंसू नहीं आये. आम लोगों की सिसकियां व परिजनों के क्रंदन से माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया.
अनुपमा की बातों को गंभीरता से नहीं लेता था भैरव
न्यू कॉलोनी टुंडी रोड के पश्चिम मैदानी इलाके में बनी हुई है. वहां अभी नया आवास आदि बन रहे हैं. भैरव ने पड़ोस के किसी से बहुत अधिक संबंध नहीं रखा है. वह समय के अनुसार ट्रांसपोर्ट ड्यूटी जाता था और फिर घर आकर परिजनों के साथ समय बिताता था. लेकिन जैसा कि पड़ोस के लोगों ने बताया हाल के दिनों में मोबाइल फोन में वह काफी व्यस्त रहता था.
इसका विरोध समय-समय पर उसकी पत्नी अनुपमा करती थी. लेकिन उसकी बात को वह टाल देता था. उसने कभी भी पत्नी के विरोध को गंभीरता से नहीं लिया. इसलिए पड़ोसी शंका जता रहे हैं कि कहीं किसी अन्य महिला या युवती के प्रेम में फंस कर उसने इस घटना को अंजाम तो नहीं दिया.
घर के नीचे ही खेतों में चलता है जुआ अड्डा
भैरव के घर के नीचे बहाल व जोड़िया किनारे जुआ अड्डा का संचालन सालों भर होता है. झरिया-धनबाद से लोग वहां जुआ खेलने जाते हैं. पुलिस की वहां कभी भी छापेमारी नहीं हुई. यह बात अलग है कि केवल वहीं नहीं कई जगह होता है संचालन. जैसा कि खोजी कुत्ता घर से जुआ अड्डा तक पहुंचा, लोग अंदेशा यह भी लगा रहे हैं कि किसी क्रूर जुआरी ने घटना को अंजाम तो नहीं दिया या फिर वहां जुआ खेल रहे जुआरियों से भैरव ने मदद तो नहीं ली.
मोबाइल नंबरों से कातिल तक पहुंचने की कोशिश में है पुलिस
मां के साथ दो मासूम की कत्ल करने वाले भैरवनाथ शर्मा के मोबाइल नंबर समेत तीन मोबाइल नंबरों की पुलिस छानबीन कर रही है. पुलिस तीनों मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल निकाल रही है. मृतका अनुपमा के परिजन भैरव का किसी लड़की से अवैध संबंध होने का आरोप लगा रहे हैं. आरोप है कि अवैध संबंध में बाधा बनने के कारण पत्नी व बच्चों की हत्या कर भैरवनाथ शर्मा भाग गया है. पुलिस ने भैरवनाथ के साथ उसकी बहन की ससुराल वालों का मोबाइल नंबर हासिल किया है. संबंधित मोबाइल का कॉल डिटेल गुरुवार को पुलिस हासिल कर लेगी. मोबाइल कॉल डिटेल से संबंधित लोगों का लोकेशन भी पुलिस को मिल जायेगा.
मकान मालिक भी पत्नी हत्या के आरोप में है जेल में
न्यू कॉलोनी के जिस आवास में भैरव रहता है. उस घर का मालिक भी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद है. बताया जाता है कि यादवपुर की लड़की अपने पति के साथ उसी घर में रहती थी. लेकिन लड़की की मौत हो जाने के बाद उसके पिता ने अपने दामाद समेत उनके परिजनों पर दहेज के लिए हत्या का केस किया. उसी आरोप में वह जेल मेंं बंद है. घर जब खाली हो गया तो लड़की के पिता ने भैरव को घर में रहने दिया. भाड़ा भी जैसा कि चर्चा है वही लेता है. जांच में मामला जो भी आये लेकिन वहां लोग यह मान कर चल रहे थे कि भैरव ने ही घटना को अंजाम दिया है, हालांकि भैरव के माता-पिता इस बात का खंडन करते रहे. इसी बीच कुछ युवक भैरव की खोज उसके ट्रांसपोर्ट में जाकर व बगल के घरों करने लगे. यदि वह मिल जाता तो उसकी खैर नहीं थी.
पतले तार से घोंटा गया अनुपमा का गला
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अनुपमा को हत्यारे ने किसी पतले तार से गला घोंटा. मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया. जबकि दोनों बच्चों अभय कुमार व आभा कुमारी को किसी धारदार हथियार से गला काट दिया गया. पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के अनुसार बच्चों की धारदार हथियार से गला काटने के कारण श्वांस नली कट गयी. कुछ मिनटों में ही बच्चों ने दम तोड़ दिया. अनुपमा को जिस पतले तार से गला घोंटा गया गया है, वह किसी मोबाइल चार्जर या इस तरह की कोई दूसरी चीज हो सकती है. हालांकि तीनों का बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया है.
पोस्टमार्टम हाउस के पास बिलखते रहे परिजन : पोस्टमार्टम हाउस के बाहर अनुपमा के परिजन काफी संख्या में पहुंचे थे. वे रोते-बिलखते रहे. तीनों के शव अनुपमा के पिता राजेंद्र ने रिसीव किया.
तीन घंटे चला पोस्टमार्टम : तीनों शवों का पोस्टमार्टम लगभग तीन घंटे तक चला. पहले अनुपमा का पोस्टमार्टम किया गया. इसके बाद अभय फिर आभा का. शरीर पर बाहरी किसी भी तरह की चोट नहीं मिली है. 2.30 बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ, वहीं शाम 5.30 बजे शव को परिजनों को सौंप दिया गया.
इन घटनाओं को याद कर अब भी दहल जाते हैं लोग
धनबाद में रह-रहकर परिजनों की हत्या कई तरह के सवाल खड़े करती है. अाम तौर पर लोग परिवार की भलाई के लिए जान न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं. लेकिन कुछ मामलों में इसका उलटा होता है. निजी स्वार्थ खासकर शारीरिक सुख के लिए लोग अपने परिजनों की हत्या कर देते हैं. इसमें मां-बाप, पत्नी, भाई और यहां तक कि अपनी संतति की हत्या शामिल है. आखिर समाज कहां जा रहा है? धनबाद में पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं.
बरोरा : पत्नी, साली और दो बेटों को मार डाला था
बरोरा में 19 फरवरी 2017 को बीसीसीएल कर्मी ओम प्रकाश चौहान ने पत्नी सुमन (30), साली नीतू (23), बेटे पीयूष (11) व हर्षित (आठ) की हत्या कर दी थी. घर में ही चारों की हत्या की गयी. बाद में ओम प्रकाश ने भी गोमो में रेल से कटकर आत्महत्या कर ली. दूसरे दिन उसका शव रेल लाइन पर मिला था. पहले पत्नी को जहर देकर मारा था. बाद में साली के साथ दोनों बच्चों को भी मार डाला था.
कतरास : प्रेमिका के घर वालों को जला दिया था
2004 में कतरास पचगढ़ी में लक्ष्मण नामक प्रेमी ने प्रेमिका के घर में आग लगा दी थी. प्रेमिका आरती उसकी बुआ, बहन नीतू की मौके पर ही जलने से मौत हो गयी थी. अगलगी में लक्ष्मण भी झुलस गया था. लक्ष्मण समेत अन्य जख्मी की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. झरिया में वर्ष 2015 में 15 वर्षीय बंगाली साव ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी.
धनबाद : जीजा ने किया था तीन सालियों का कत्ल
डाल्टेनगंज निवासी सोनू कुमार वर्मा ने वर्ष 2010 के सात दिसंबर की रात धनबाद के पीएचइडी गेस्ट हाउस झारुडीह परिसर स्थित घर में सो रही अपनी तीन सालियों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. तीनों सालियां उषा देवी, रीमा देवी व रीना कुमारी की जलने से मौत हो गयी. सोनू चंडीगढ़ में कैटरर का काम करता था. सोनू की शादी शंकर प्रसाद की पुत्री निशा के साथ हुई थी. आरोपी ने वर्ष 2011 की 28 जनवरी को कोर्ट में सरेंडर किया था. सोनू को मामले में उम्र कैद की सजा हो चुकी है.