PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगले 10 वर्षों में देश को गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह आजाद करना है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज भारत हर क्षेत्र औपनिवेशिक मानसिकता को त्याग रहा है. देश गर्व के साथ नयी उपलब्धियों का लक्ष्य बना रहा है. कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा- भारत में मानसिक गुलामी के बीज बोने वाली मैकाले की नीति 2035 में 200 वर्ष पूरे कर लेगी. इसका मतलब है कि अभी 10 वर्ष बाकी हैं. इसलिए, इन्हीं 10 वर्षों में हम सभी को मिलकर अपने देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराना होगा. पीएम मोदी ने कहा- गुलामी की मानसिकता ने भारत के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया, लेकिन आज हम इसे पुनर्जीवित कर रहे हैं. विदेशी शासन के काल में भी, भारत अस्त्र-शस्त्र का एक प्रमुख निर्माता था. हमारे पास आयुध कारखानों का एक मजबूत नेटवर्क था. भारत हथियारों का निर्यात करता था, और विश्व युद्धों के दौरान भी, भारत में बने हथियारों की बहुत मांग थी.
भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है. कई लोग तो भारत को वैश्विक विकास का इंजन कहते हैं. कुछ इसे वैश्विक महाशक्ति भी बताते हैं. उन्होंने का कि आज भारत के बारे में कई उल्लेखनीय बातें कही जा रही हैं. पीएम मोदी ने कहा एक समय था जब भारत में सुधार प्रतिक्रियावादी होते थे यानी बड़े फैसले या तो राजनीतिक विचारों से प्रेरित होते थे या किसी संकट का प्रबंधन करने के उद्देश्य से. लेकिन आज, सुधार राष्ट्रीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किए जाते हैं. लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं. इसका प्रतिफल भी दिख रहा है. देश के हर क्षेत्र में सुधार हो रहा है. हमारी गति स्थिर है, हमारी दिशा सुसंगत है, और हमारा इरादा राष्ट्र-प्रथम है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से गुलामी के लंबे वर्षों ने भारत के आत्मविश्वास को हिला दिया था. इसीलिए आज का भारत गुलामी की इस मानसिकता से खुद को मुक्त करने के लिए काम कर रहा है.
जब दुनिया टुकड़ों में बंटी है, तो भारत सेतु का काम करता है- पीएम मोदी
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- भारत में हो रहे बदलाव सिर्फ संभावनाओं के बारे में नहीं हैं, बल्कि बदलती सोच और दिशा की गाथा हैं. उन्होंने कहा कि हम युद्ध देख रहे हैं, ये स्थितियां किसी न किसी रूप में दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई हैं. विश्व अनिश्चितताओं से भरा है, लेकिन भारत को एक अलग ही लीग में देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा- भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है. जब आर्थिक सुस्ती की बात होती है, तो भारत विकास की कहानी लिखता है. जब दुनिया में विश्वास की कमी होती है, तो भारत भरोसे का स्तंभ बन रहा है, जब दुनिया टुकड़ों में बंटी है, तो भारत सेतु का काम करता है.
दूसरी तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के आठ फीसदी से अधिक के आंकड़े की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा- यह हमारी गति का प्रतीक है. पीएम मोदी ने कहा यह सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि एक मजबूत व्यापक आर्थिक संकेत है. यह संदेश है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बन रहा है. वैश्विक वृद्धि दर लगभग तीन प्रतिशत है, जबकि जी-7 अर्थव्यवस्थाएं औसतन लगभग 1.5 फीसदी की दर से बढ़ रही हैं, ऐसे समय में भारत उच्च विकास और कम मुद्रास्फीति का एक मॉडल है. उन्होंने कहा- हमारे देश में एक समय था जब अर्थशास्त्री उच्च मुद्रास्फीति पर चिंता जाहिर करते थे, आज वे निम्न मुद्रास्फीति की बात करते हैं.

