चितरा. कोलियरी प्रक्षेत्र अंतर्गत दुखिया बाबा मंदिर प्रांगण में चल रहे 9 दिवसीय श्री श्री 1008 महारुद्र यज्ञ को लेकर बेगूसराय जिले से महारुद्र यज्ञ में भजन प्रस्तुत करने पहुंची भजन गायिका अंकिता मिश्रा ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम पुष्कर जी ने बंदे गणपति विघ्न विनाशक हे लंबोदर गजानन से की. साथ ही मेरे कंठ बसो महारानी भजन प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर झूम उठे. वहीं, दूसरी ओर अंकिता मिश्रा द्वारा सर्वप्रथम सत्यम शिवम सुंदरम, मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊं, जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है…,नगरी हो अयोध्या सी …समेत अन्य भजनों की प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. इससे पहले सुदूर गांवों से बड़ी संख्या से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंडप की परिक्रमा की. अहले सुबह से ही दुखिया बाबा मंदिर प्रांगण स्थित शिव मंदिर सहित देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं. जिसके बाद यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रहती है. यह सिलसिला प्रतिदिन अहले सुबह से लेकर दोपहर तक लगातार चलते रहता है. साथ ही संध्या आरती के समय भी यज्ञ मंडप परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. वहीं, दूसरी ओर सोमवार को दुखिया बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. मौके पर स्वयंसेवकों, चितरा पुलिस तथा इसीएल सिक्योरिटी के जवानों ने भीड़ पर नियंत्रण कर सभी को सुलभ दर्शन कराया.
जीवन में गुरु का होना आवश्यक है: आराधना देवी
चितरा. जीवन में गुरु का होना आवश्यक है. गुरु की कृपा से भक्त की भक्ति भगवान द्वारा स्वीकार कर ली जाती है. यह बातें बीती शाम को संगीतमय राम कथावाचिका आराधना देवी ने प्रवचन के दौरान कहीं. साथ ही श्री राम विवाह की कथा विस्तार से श्रद्धालुओं को श्रवण कराया. साथ ही उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान का क्रोध भी उनकी कृपा है. भगवान क्रोधित होने पर भी भक्त का उद्धार कर देते हैं. साथ ही कहा कि जब व्यक्ति को कोई रास्ता नहीं मिलता तब वह भगवान की शरण में जाता है. जिस घर में भगवान की सेवा हो नहीं होती. वह घर पावन नहीं होता. वहीं, जिस घर में भगवान विराजते हैं संत महात्मा आते-जाते हैं. वह कुटिया भी दिव्य और पवित्र हो जाता है. साथ ही मनुष्य अपने पाप को छुपाया है और अच्छा काम का ढिंढोरा पीटता है, लेकिन शास्त्र के अनुसार पाप को जितना छुपाओगे पाप उतना प्रबल होता है. इसलिए पाप को उजागर कीजिए और पुण्य को छुपाना चाहिए. साथ ही उन्होंने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु ही अपने शिष्य का संदेश भगवान तक पहुंचता है. गुरु के माध्यम से किया गया कार्य का फल अनंत गुना मिलता है. जीवन में एक गुरु और एक इष्ट होना जरूरी है. गुरु ही जीवन में सही मार्ग दिखाता है इसलिए गुरु का हमेशा सम्मान होना चाहिए. वहीं दूसरी ओर संगीतमय राम कथा के दौरान आज मेरे राम की शादी है…, बाजी बाजी रे शहनाई जनक नगरी आज आई बारात जनक नगरी, राम जी से पूछे जनकपुर के नारी लोगवा देत काहे गारी बताईद बबुआ समय अन्य भजन प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
——–महारुद्र यज्ञ के दौरान परिक्रमा करने उमड़ रही है श्रद्धालुओं की भीड़
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