संवाददाता, देवघर : रिखियापीठ में पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ दो दिसंबर से शुरू होगा. स्वामी सत्संगी जी के मार्गदर्शन में रिखियापीठ में महायज्ञ की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. अनुष्ठान में शामिल होने देश-विदेश के श्रद्धालु पहुंच गये हैं. सोमवार को सुबह आठ बजे ध्वजारोहण व अग्निकुंड में हवन की शुरुआत होगी. काशी के पंडितों द्वारा हवन किया जायेगा. इस दौरान प्रवचन, कीर्तन व प्रसाद का वितरण किया जायेगा. स्वामी सत्संगी जी ने सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित करते हुए कहा कि पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी मां को समर्पित शतचंडी महायज्ञ एक प्राचीन वैदिक यज्ञ है, जिसके माध्यम से देवी मां की कृपा व अनुग्रह का आवाहन किया जाता है. इस दौरान सृष्टि के उद्धव, पालन-पोषण व संहार के दिव्य उर्जा के स्रोत के रूप में देवी मां का पूजन करते हैं. 1995 में स्वामी सत्यानंदजी देवी ने मां के अनुग्रह की आकांक्षा के साथ व्यक्ति के शारिरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से शुद्धि व विश्व में सुख, शांति व समृद्धि के लिए रिखियापीठ में शतचंडी महायज्ञ का शुभारंभ किया था. रिखियापीठ में संध्या पांच बजे तक अनुष्ठान होंगे.
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