मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शुक्रवार को प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती, साहित्यकार अज्ञेय की पुण्यतिथि मनायी गयी. इस दौरान सिने अभिनेता मनोज कुमार की श्रद्धांजलि दी गयी. इस अवसर पर विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये व शोक-संवेदना व्यक्त किया. वहीं, जनवादी लेखक संघ (जलेस) के प्रांतीय सह सचिव धनंजय प्रसाद ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी एक स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, कवि व लेखक थे. उन्होंने नौकरी छोड़कर प्रभा, नामक पत्रिका का संपादन भी किया. गांधी के आह्वान पर वो सत्याग्रह में शामिल हुए और जेल भी गये. भारत में साहित्य अकादमी की स्थापना 1954 में हुआ और सर्वप्रथम उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित किया गया. पर सरकार की हिन्दी विरोधी नीति के कारण उन्होंने साहित्य अकादमी सम्मान को वापस लौटा दिया. उसके अलावा उन्हें पद्मभूषण आदि कई सम्मानों से सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि सिने अभिनेता मनोज कुमार ने की महत्वपूर्ण देशभक्ति फिल्मों में न सिर्फ बतौर अभिनेता काम किया. बल्कि कई फिल्मों में बतौर निर्देशक, पटकथा व निर्माता रूप में अहम भूमिका निभाई है. वे भारत कुमार के नाम प्रख्यात रहे हैं. उनकी प्रमुख फिल्मों में उपकार, शोर, शहीद, क्रांति जैसे कई महत्वपूर्ण व यादगार फिल्में रहीं हैं. उन्हें भूलाया नहीं जा सकता है. ऐसे विभूतियों को याद करना लाजिमी है. लोगों ने कहा कि मनोज कुमार जैसे अभिनेता के निधन से सिनेजगत को अपूर्णीय क्षति हुई है.
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