चितरा. एसपी मांइस चितरा कोलियरी में कार्यरत कैजुअल मजदूरों को काम नहीं मिलने से आक्रोशित श्रमिकों ने पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता व युवा नेता प्रशांत शेखर के नेतृत्व में जुलूस निकालकर इसीएल व आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और उग्र प्रदर्शन किया, जिसमें बड़ी संख्या में कैजुअल मजदूर व अड़खा लीडर शामिल हुए. मालूम हो कि तीन दिन का अल्टीमेटम समाप्त होने के बाद सोमवार को पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता और युवा नेता प्रशांत शेखर के नेतृत्व में हजारों मजदूरों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन कर आउटसोर्सिंग कंपनी का ऑफिस और कोयला क्रशर प्लांट बंद करा दिया. तीन दिन पूर्व प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया गया था कि भरपूर मात्रा में कोयला उत्पादन कर मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, लेकिन नाम मात्र का कोयला उत्पादन किया गया है. वहीं, प्रदर्शन के बाद जुलूस शर्मा आउटसोर्सिंग कंपनी कार्यालय, क्रशर, चितरा ए कोल डंप होते हुए महाप्रबंधक कार्यालय में जमा होकर घेराव की शक्ल में जोरदार प्रदर्शन किया. इसके बाद आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा नारेबाजी के साथ प्रदर्शन समाप्त किया गया. मौके पर पूर्व स्पीकर भोक्ता ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद झारखंड अलग राज्य बना, लेकिन आदिवासियों व गरीबों को रोजगार नहीं मिल रहा है. चितरा कोलियरी देवघर जिले का एकमात्र औद्योगिक प्रतिष्ठान है. जहां हजारों पांच से अधिक मजदूर अपने परिवारों का भरण पोषण करते हैं. प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियों के नापाक इरादे के कारण कोलियरी बर्बादी के कगार पर खड़ी है. मजदूर यहां कई पीढ़ियों से कोयला लोड करते आ रहे हैं. पर उन्हें अब तक स्थायी रूप से रोजगार नहीं मिल पाया. स्थिति यह हो गयी है कि रोड सेल में बेचने के लिए कोयला नहीं है. जो काम प्रबंधन को करना चाहिए वे मजदूर कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आउट सोर्सिंग कंपनी काम नहीं करना चाहती है और फाल्स बिल उठाना चाहती है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के साथ प्रबंधन और राजनेताओं का गठजोड़ है, जिससे कंपनियां बेखौफ हो गयी. जिससे प्रबंधन कार्रवाई नहीं करती है. इस संबंध में युवा नेता प्रशांत शेखर ने कहा कि प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियों की मिलीभगत से कोलियरी का बुरा हाल चल रहा है. कहा कि पूर्व में शांतिपूर्वक आंदोलन किया गया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. बिना उग्र हुए मजदूरों को उसका हक मिलने वाला नहीं है. कहा कि कार्यशैली में सुधार नहीं लाने पर इसका खामियाजा भुगताना पड़ेगा. मौके उग्र आंदोलन में पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के मार्गदर्शन में युवा नेता प्रशांत शेखर, राम मोहन चौधरी, बलराम भंडारी, प्रकाश यादव पिंटू पाल काजल अड्डी, जुगनू यादव, संतलाल रजक, रवि सिंह, मनोज दास, महावीर दास, जगन्नाथ यादव, मदन सिंह, राजेश राय, रवींद्र भोक्ता समेत बड़ी संख्या में कैजुअल मजदूरों व अड़खा लीडर ने उग्र आंदोलन किया. हाइलार्ट्स : कोलियरी प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियों के खिलाफ फूटा गुस्सा प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनियों के नापाक इरादे से मजदूरों को नहीं मिल रहा काम : भोक्ता आउट सोर्सिंग कंपनी का ऑफिस व कोयला क्रशर कराया बंद
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