मधुपुर. स्थानीय महाविद्यालय के एनएसएस इकाई तीन के तत्वावधान में बरसतिया गांव में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का पांचवें दिन की शुरुआत निखत खातून की अमृतवाणी व कुंदन कुमार की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के साथ हुआ. कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया ” पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर किया व बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करते हुए पेंसिल बॉक्स इत्यादि का वितरण किया. साथ ही स्वयंसेवकों ने ग्राम का सर्वेक्षण करते हुए ग्रामीणों के समस्याओं के विषय में जानने का प्रयत्न किया. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में सड़क न होने के कारण यातायात की बहुत ही समस्या है. साथ ही बारिश के मौसम में कच्ची सड़क में चलना मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्थित मध्य विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक न होने के कारण उनके बच्चे उत्तम शिक्षा से वंचित रहने को मजबूर है. इसके साथ ही ग्रामीणों को बिजली एवं पेयजल की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. सरकारी दस्तावेजों में नाम या उम्र में गलती होने के कारण उन्हें कई सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. तत्पश्चात सहायक प्राध्यापक बांग्ला विभाग डॉ. मिताली विश्वास ने बौद्धिक सत्र में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के शिक्षा आदर्शों पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि कवि गुरु का मानना था कि शिक्षा चहारदीवारी में नहीं अपितु प्रकृति के गोद में होनी चाहिए. बौद्धिक सत्र के दूसरे सत्र में संवाद से आये आनंद मरांडी व अन्ना सोरेन ने अपने एनजीओ संवाद द्वारा आदिवासी गांव में आदिवासियों के मौलिक अधिकारों एवं उनके सामाजिक उन्नति को लेकर अपने किए हुए कार्य को बताया. ————– बरसतिया में एनएसएस इकाई का कार्यक्रम आयोजित
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