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स्वास्थ्य सुविधाएं तो बढ़ीं, डॉक्टर व टेक्निशियन की कमी नहीं हुई दूर

राजीव रंजन, देवघर : देवघर की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए वर्ष 2019 उतार-चढ़ाव भरा रहा. सदर अस्पताल में जहां कई सुविधाएं बढ़ी, वहीं डेंगू मरीजों में बढ़ोतरी को लेकर सुर्खियों में रहा. जिला अब भी डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है. वहीं सदर अस्पताल में लिफ्ट लगाना, लैब अपग्रेड, सीबीसी काउंटर, डिजिटल एक्स-रे तथा […]

राजीव रंजन, देवघर : देवघर की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए वर्ष 2019 उतार-चढ़ाव भरा रहा. सदर अस्पताल में जहां कई सुविधाएं बढ़ी, वहीं डेंगू मरीजों में बढ़ोतरी को लेकर सुर्खियों में रहा. जिला अब भी डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है. वहीं सदर अस्पताल में लिफ्ट लगाना, लैब अपग्रेड, सीबीसी काउंटर, डिजिटल एक्स-रे तथा फायर से निबटने के लिए एनओसी सहित अन्य कार्य नये वर्ष में पूरा करने की चुनौती होगी.

सदर अस्पताल में जो सुविधाएं बढ़ी, उनमें डायलिसिस यूनिट, जेरियाट्रिक वार्ड, पोस्टमार्टम हाउस में डीप फ्रिजर, इसीजी मशीन, कुपोषण उपचार केंद्र को सदर अस्पताल में शिफ्ट करना, वन स्टॉप सेंटर चालू करना, सीसीटीवी कैमरे लगना, सभी वार्ड को इंटरकॉम से जोड़ना आदि शामिल है.
डॉक्टर के स्वीकृत पद 100, कार्यरत 47
देवघर जिला अब भी डॉक्टरों की कमी से जुझ रहा है. जिले में 100 डॉक्टर के पद स्वीकृत हैं, उसमें महज 47 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं. ऐसे में आधे डॉक्टर के भरोसे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चल रही है. सदर अस्पताल तो दूर कई सीएचसी व पीएचसी एक-एक डॉक्टर के भरोसे ही चले रहे हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है. नये वर्ष में स्वीकृत पद के अनुसार डॉक्टर की कमी को पूरा करना विभाग के लिए चुनौती होगी.
सदर अस्पताल में 91 से अधिक संभावित डेंगू के मरीज हुए भर्ती
इस वर्ष जिले में डेंगू का प्रकोप देखा गया. वर्ष 2019 में 91 से अधिक संभावित डेंगू मरीज सदर अस्पताल में भर्ती हुए, जबकि 2018 में यह संख्या 101 थी. इनमें से 11 मरीजों की खून जांच के लिए रांची रिम्स भेजा गया था, जिसमें नौ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई.
पोस्टमार्टम हाउस में लगा डीप फ्रीजर
सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में डीप फ्रीजर नहीं होने से अक्सर शव सड़ता रहता था. स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के प्रयास से पोस्टमार्टम हाउस में दो डीप फ्रीजर लगाया जा सका है. इससे आसपास रहनेवालों को हो रही परेशानी से निजात मिल गयी है.
चालू हुआ कैफेटेरिया
सदर अस्पताल परिसर में सांसद डॉ निशिकात दूबे के फंड से कैफेटेरिया खोला गया है. 15 लाख की लागत से बनाये गये कैफेटेरिया को इस वर्ष चालू किया गया. यहां मरीजों व अन्य लोगों के लिए खाने-पीने की सामग्री किफायती दर पर मिलती है.
डायलिसिस सेंटर हुआ चालू
सदर अस्पताल में सालों से डायलसिस सेंटर खोले जाने चर्चा थी, जो इस वर्ष पूरी हुई. 06 दिसंबर से सदर अस्पताल के मेगा ब्लड बैंक भवन में पीपीपी मोड पर डायलिसिस की शुरुआत की गयी. इससे किडनी रोग से ग्रसित मरीजों को सुविधा मिल रही है. यहां जेनरल मरीजों का 1206 रुपये में डायलिसिस किया जा रहा है, जबकि लाल कार्ड व अन्य कार्ड से मरीजों का फ्री में इलाज किया जा रहा है.
कुपोषण उपचार केंद्र सदर अस्पताल में शिफ्ट
अप्रैल माह में कुपोषण उपचार केंद्र को सदर अस्पताल परिसर में शिफ्ट कर चालू कराया गया. इसके पूर्व कुपोषण उपचार केंद्र पुराना सदर अस्पतल में चल रहा था. जहां मरीजों की काफी कम संख्या थी. यहां शिफ्ट किये जाने के बाद कुपोषित बच्चों की संख्या केंद्र में पहुंचने शुरू हुए हैं. अबतक 26 कुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा चुका है.
जेरियाट्रिक वार्ड की शुरुआत
सदर अस्पताल परिसर में जेरियाट्रिक वार्ड की शुरुआत 22 दिसंबर को की गयी. इसमें 10 बेडों की सुविधा उपलब्ध है. इस वार्ड में 60 साल से अधिक के मरीजों के लिए सभी सुविधा उपलब्ध है. यह वार्ड को चालू करने के लिए एक साल पहले से ही प्रक्रिया चल रही थी, जिसे इस वर्ष चालू किया जा सका है.
वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत
हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सदर अस्पताल परिसर में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गयी. जहां हिंसा पीड़ित महिलाओं को रख कर इलाज किया जाता है. इसके अलावा जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से नये भवन भी बनाया जा रहा है.
32 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये
सदर अस्पताल में लगातार हो रही घटना-दुर्घटना को देखते हुए इस पर अंकुश लगाने तथा इस पर निगरानी के लिए सदर अस्पताल परिसर में 2.20 लाख की लागत से 32 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है. जबकि पूर्व में भी कैमरे लगे हुए थे, जिसका डीबीआर खराब हो चुका था तथा काम नहीं कर रहा था. इसके अलावा सदर अस्पताल परिसर में सभी वार्ड के लिए इंटरकॉम लगाया है, ताकि एक वार्ड से दूसरे वार्ड में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी बात कर सके. वहीं नया आरओ मशीन भी लगायी गयी, जिससे मरीजों को स्वच्छ पानी मिल रहा है.
जटिल ऑपरेशन हुआ
सदर अस्पताल में इस वर्ष कई मरीजों का जटिल ऑपरेशन भी सफल रहा. इसमें सदर अस्पताल के सभी सर्जन डॉक्टर का बेहतर सहयोग रहा. इससे लोगों का सदर अस्पताल के प्रति विश्वास बढ़ा है. इसके अलावा इस वर्ष सिजेरियन भी बढ़ा है. बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष करीब 700 महिलाओं का सिजेरियन किया गया है. इससे गरीब व असहाय मरीजों को काफी सुविधा मिली.

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