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विधायक प्रदीप यादव ने किया सरेंडर, गये जेल

पहले दिन विधायक ने जेल में नहीं किया भोजन, फल खाकर बितायी रात देवघर : जेवीएम की एक महिला नेत्री द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज कराये गये यौन उत्पीड़न मामले में विधायक प्रदीप यादव ने गुरुवार को प्रभारी सीजेएम सह एसडीजेएम देवघर कमल रंजन की अदालत में सरेंडर कर दिया. इसके साथ ही जमानत […]

पहले दिन विधायक ने जेल में नहीं किया भोजन, फल खाकर बितायी रात

देवघर : जेवीएम की एक महिला नेत्री द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज कराये गये यौन उत्पीड़न मामले में विधायक प्रदीप यादव ने गुरुवार को प्रभारी सीजेएम सह एसडीजेएम देवघर कमल रंजन की अदालत में सरेंडर कर दिया. इसके साथ ही जमानत की याचना की. कोर्ट में प्रदीप यादव की ओर से वरीय अधिवक्ता अमर सिंह व इशहाक अंसारी ने करीब आधे घंटे तक बहस की. न्यायालय में दोनों अधिवक्ताओं ने एफआइआर में 13 दिन के बाद दर्ज कराने की बात पर जोर देते हुए कहा कि यह साजिश के तहत रची गयी केस है, जो घटना की सत्यता को शत-प्रतिशत झुठलाता है.
इधर अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक आनंद कुमार चौबे ने कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है. सेशन जज व हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है. आरोपित जमानत पाने के हकदार नहीं हैं, अतएव बेल पिटीशन रिजेक्ट कर दिया गया है.
प्रदीप के वकील ने बीमारी का दिया हवाला : आरोपित के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि प्रदीप यादव कई बीमारियों से ग्रसित हैं जिनका ईलाज चल रहा है. इस दिशा में जेल के बजाय हॉस्पीटल भेजने का अनुरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद प्रदीप यादव का बेल पिटीशन रिजेक्ट कर दिया गया व केंद्रीय कारा के चिकित्सक को जांच कर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया.
जानकारी हो कि जेवीएम पार्टी की महिला नेत्री ने विधायक प्रदीप पर कुंडा थाना के अंतर्गत करनीबाग थाना क्षेत्र स्थित शिव सृष्टि पैलेस हाेटल के कमरे में बुलाकर गलत करने के प्रयास का आरोप लगायी थी. यह घटना लोकसभा चुनाव के दौरान 20 अप्रैल 2019 की है, उस वक्त प्रदीप यादव गोड्डा लोकसभा से जेवीएम के प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे.
इस संबंध में महिला नेत्री ने देवघर महिला थाने में एफआइआर दर्ज कराया था. मामले में कांड के आईओ द्वारा नोटिस भेजा गयी थी जिसे प्राप्त होने के बाद विधायक प्रदीप ने देवघर साइबर थाना पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था. अनुसंधान में आईओ ने प्रदीप के दोनों अंगरक्षक, जेवीएम के देवघर जिलाध्यक्ष नागेश्वर, महामंत्री दिनेश मंडल के अलावे होटल मैनेजर व अन्य स्टाफ का भी बयान लिया था.
सेशन जज एक मो नसीरूद्दीन की कोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी गयी थी. इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी थी, जहां भी राहत नहीं मिली. अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद एसपी नरेंद्र कुमार सिंह द्वारा गिरफ्तारी के लिये एसआइटी गठित की गयी थी. आईओ इंस्पेक्टर संगीता के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने विधायक प्रदीप के रांची, गोड्डा व पोड़ैयाहाट आवास में छापेमारी की थी, सभी जगह से वे फरार मिले थे.
मामले में कब-क्या हुआ
20 अप्रैल 2019 : याैन उत्पीड़न की घटना
3 मई 2019 : देवघर महिला थाना में एफआइआर दर्ज
9 मई 2019 : दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 तहत पीड़िता का बयान
19 जून 2019 : सेशन जज एक की अदालत से अग्रिम याचिका संख्या 522/2019 खारिज
16 जुलाई 2019 : हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज
25 जुलाई 2019 : प्रभारी सीजेएम सह एसडीजेएम कमल रंजन की अदालत में सरेंडर व बेल पिटीशन रिजेक्ट

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