11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

देवघर : शौचालय बनाने के लिए नहीं मिली राशि, तो महिला ने खाया जहर

देवघर : स्वच्छ भारत मिशन के तहत देवघर में युद्ध स्तर पर शौचालय निर्माण किये गये. प्रशासन ने देवघर को एक साल पहले ओडीएफ भी घाेषित कर दिया, पर यह दावा हकीकत से परे है. एक साल से नगर निगम का चक्कर काट रही वार्ड नंबर 27 स्थित बंधा की मीता देवी को जब शौचालय […]

देवघर : स्वच्छ भारत मिशन के तहत देवघर में युद्ध स्तर पर शौचालय निर्माण किये गये. प्रशासन ने देवघर को एक साल पहले ओडीएफ भी घाेषित कर दिया, पर यह दावा हकीकत से परे है. एक साल से नगर निगम का चक्कर काट रही वार्ड नंबर 27 स्थित बंधा की मीता देवी को जब शौचालय निर्माण के लिए राशि नहीं मिली, तो उसने रविवार को जहर खा लिया. आनन-फानन में पति सूरज चंद्र उसे सदर अस्प्ताल लेकर पहुंचे.
डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद मीता की हालत खतरे से बाहर बतायी. मीता के पति सूरज ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है कि वे घर में शौचालय बना सकें. प्रधानमंत्री ने जब इस योजना की शुरुआत की, तो उन्हें भी उम्मीद जगी कि उन्हें भी शौचालय मिलेगा. इसके लिए एक साल पहले वार्ड पार्षद बिहारी महतो को आवेदन भी दिया था, पर पार्षद ने पहल नहीं की. वहां से निराश होने पर नगर निगम में आवेदन दिया, लेकिन परिणाम शून्य निकला.
उसने कहा कि जब वार्ड पार्षद के पास जाते थे, तो वह नगर निगम भेज देता था. निगम कार्यालय जाने पर कहा जाता था कि शौचालय आवंटन की स्वीकृति तो वार्ड पार्षद ही देंगे. वे लोग एक साल से पार्षद और निगम कार्यालय का चक्कर काटते-काटते थक गये. इस दौरान घरवालों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता था. इससे परिवार की महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थी. जब निराशा हाथ लगी, तो इज्जत की खातिर पत्नी ने जहरीला पदार्थ खा लिया.
संयोग से उसकी नजर पत्नी पर पड़ी, तो वे अस्पताल लेकर पहुंचे और उसकी जान बच गयी.
सिस्टम की बेरुखी के बाद महिला ने उठाया कदम
शौचालय के लिए एक साल से पार्षद व नगर निगम का काट रही थी चक्कर
डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद मीता की हालत खतरे से बाहर बतायी. मीता के पति सूरज ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है कि वे घर में शौचालय बना सकें. प्रधानमंत्री ने जब इस योजना की शुरुआत की, तो उन्हें भी उम्मीद जगी कि उन्हें भी शौचालय मिलेगा. इसके लिए एक साल पहले वार्ड पार्षद बिहारी महतो को आवेदन भी दिया था, पर पार्षद ने पहल नहीं की. वहां से निराश होने पर नगर निगम में आवेदन दिया, लेकिन परिणाम शून्य निकला.
उसने कहा कि जब वार्ड पार्षद के पास जाते थे, तो वह नगर निगम भेज देता था. निगम कार्यालय जाने पर कहा जाता था कि शौचालय आवंटन की स्वीकृति तो वार्ड पार्षद ही देंगे. वे लोग एक साल से पार्षद और निगम कार्यालय का चक्कर काटते-काटते थक गये. इस दौरान घरवालों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता था. इससे परिवार की महिलाएं असुरक्षित महसूस करती थी. जब निराशा हाथ लगी, तो इज्जत की खातिर पत्नी ने जहरीला पदार्थ खा लिया.
संयोग से उसकी नजर पत्नी पर पड़ी, तो वे अस्पताल लेकर पहुंचे और उसकी जान बच गयी.
सिस्टम की बेरुखी के बाद महिला ने उठाया कदम
शौचालय के लिए एक साल से पार्षद व नगर निगम का काट रही थी चक्कर
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel