देवघर : विपक्षी पार्टियों द्वारा संसद का सत्र नहीं चलने देना, बार-बार हंगामा व जनता के पैसों की बर्बादी के मुद्दे पर गुरुवार को गोड्डा सांसद डाॅ निशिकांत दुबे देवघर समाहरणालय गेट के पास अनशन पर बैठे. इस दौरान विभिन्न प्रखंडों से भाजपा के कार्यकर्ता अनशन में शामिल हुए. सांसद ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार सहित सांसद व विधायक भी एक ही पार्टी के हैं, बावजूद अनशन पर बैठना पड़ा.
संसद में जब गरीबों से जुड़ी बजट हेल्थ इंश्योरेंस, महिला बाल विकास, शिक्षा, एमडीएम जैसे मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी चर्चा करने वाले थे, तो कांग्रेस ने मायाजाल फैलाकर संसद नहीं चलने दिया. कांग्रेस ने पीएनबी घाेटाले में निरव मोदी पर सदन में चर्चा करने की मांग रखी, सरकार भी पूर्व से चलते आ रहे बैंक घोटाले के मुद्दे पर चर्चा को तैयार हो गयी. लेकिन कांग्रेस को पूर्व से बैंक घोटाले के शब्द पर आपत्ति हो गयी. डाॅ दुबे ने कहा कि कांग्रेस अपनी जिद पर अड़ी रही और आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 23 दिनों तक संसद नहीं चलने दिया.
इस सत्र के दौरान गरीबों से जुड़ी पांच लाख तक के हेल्थ इंश्योरेंस पर सहमति बननी थी, लेकिन कांग्रेस को गरीबों की योजना से कोई मतलब नहीं है. गरीब जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी. पीएम ने इस सत्र के दौरान वेतन व भत्ता नहीं लेने का निर्णय लिया है.
हिंदू एकता के लिए आरक्षण हुआ : डाॅ दुबे ने कहा कि दलितों को आरक्षण जरूरी है. वर्षों पहले दलितों का अलग टोला रहता था, उन्हें साथ में बैठने व खाना नहीं दिया जाता था. आज आरक्षण की वजह से दलितों से अफसर आये व उन्हें सम्मान मिल रहा है. 23 सितंबर 1932 को मदन माेहन मालवीय, बाबा साहेब आंबेडकर समेत अन्य की बैठक हुई व सबों ने हिंदू एकता को बनाये रखने के लिए दलितों को आरक्षण देने पर सहमति बनायी. आज सोशल मीडिया गलत कर रही है व लोग इतिहास पढ़ना भूल गये हैं.
सांसद का काम नाला नहीं, कानून बनाना है : डाॅ दुबे ने कहा कि सांसद का काम नाला बनाना या चापानल लगाना नहीं, बल्कि कानून बनाना है. देश स्तर पर बनी कानून व योजना ही गांव तक लागू किया जाता है. अगर संसद ही नहीं चलेगी तो गरीबों का काम कैसे होगा. भाजपा विपक्षियों की तरह हंगामा नहीं चाहती है, इसलिए पीएम के निर्देश पर अनशन में बैठक कर जनता को विपक्ष की करतूत से अवगत करा रहे हैं. धरने पर विधायक नारायण दास समेत जिलाध्यक्ष दिवाकर गुप्ता, अभयानंद झा, संतोष उपाध्याय, रीता चौरसिया, विजया सिंह, देवता पांडेय, पंकज सिंह भदौरिया, शाह आरीफ इकबाल, मुकेश पाठक, सोनाधारी झा, ललन मिश्रा, दीप केशरी, मनीष सिंह, कन्हैया झा, बलराम पोद्दार, हरिकिशोर सिंह, ललन दुबे, अनिरुद्ध झा, देवाशीष चौधरी आदि थे.
कांग्रेस ने जनादेश का अपमान किया : विधायक
अनशन स्थल पर पहुंचे देवघर विधायक नारायण दास ने कहा कि कांग्रेस ने सदन चलाने का विरोध कर पूरी तरह से जनादेश का अपमान किया है. जिस सदन में गरीबों से जुड़ी कई योजनाओं सहमति बनने वाली थी, उसका विराेध करना लोकतंत्र की हत्या के बराबर है. कांग्रेस की वजह से गरीबों के पैसों की बर्बादी हुई है, आने वाले समय में जनता कांग्रेस व इनके सहयोगी पार्टियों से हिसाब लेगी.