चतरा : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिले चतरा के जिला मुख्यालय में तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के दो उग्रवादियोंने अपने पुराने सबजोनल कमांडरकेसिर में पांच गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. जिस शख्स की हत्या हुई है, वह कुंदा प्रखंड की पूर्व प्रमुख सविता उर्फ इंदु देवी का पति था. पूर्व प्रमुख ने बताया कि टीपीसी के दो उग्रवादी मुर्गा लेकर आये. घर में मुर्गा बनवाया.उसकेपतिके साथ खाना खाया और शराब पी. खाने-पीनेके दौरान ही उनमें से एकव्यक्तिउठ खड़ा हुआ और एक के बाद एक पांच गोलियांअरविंदभारती उर्फ अरविंदभुइयां के सिर में उतार दी. गोली मारने के बाद दोनों वहां से भाग गये.
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घटना सोमवार की रात चतरा के दिभा मुहल्ला में हुई. इंदु देवी ने बताया कि लावालौंग से उदेश और उसका एक साथी रात में उनके घर आया. दोनों मुर्गा लेकर आये थे.अरविंद ने इंदु को मुर्गा बनाने के लिए कहा.इंदुदेवी ने मुर्गा बनाकर तीनों को परोसा. तीनों नेएक साथ खाना खाया. इस दौरान तीनों ने शराब भीपी.
खाने-पीने के क्रम में ही उदेश अचानक से खड़ा हुआ. अरविंद के सिर में एक के बाद एक पांच गोलियां उतार दी और अपने साथी के साथ भाग गया. घटनास्थल पर ही अरविंद गंझू की मौत हो गयी. सदर थाना प्रभारी रामअवध सिंह ने बताया हत्यारा टीपीसी का नक्सली था. पुलिस ने घटनास्थल से शराब की बोतल भी बरामद की है.
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पुलिस के मुताबिक, 15 दिनपहले अरविंद के आवास पर हथियार के साथ उदेश गंझू के होने की सूचना मिली थी. पुलिस ने छापामारी की, लेकिन उस दिन अरविंद ने उदेश को भगा दिया. इस संबंध में सदर थाना में कांड संख्या 346/17 भा द वि की धारा 302/24 केतहत प्राथमिकी दर्ज है. थाना प्रभारी रामअवध सिंह ने बताया कि उसी दिन उदेश गंझू की गिरफ्तारी हो जाती, तो आज अरविंद जिंदा होता. मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव उसके परिजनों को सौंपदियागया है. उसके पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अरविंद भुईयां कुंदा के मरगडा पंचायत के पनठिया गांव का रहने वाला है. गुलवास भुईयां के बेटे अरविंद ने कुंदा स्थित जनता उच्च विद्यालय से पढ़ाई-लिखाई की थी. वर्ष 2001-02 में वह माओवादी गतिविधियों में शामिल हो गया. कुछ ही दिनों में माओवादी संगठन से जुड़ गया. वर्ष 2004-05 में वह टीएसपीसी संगठन का हिस्सा बन गया. कुछ ही दिनों में वह संगठन का एरिया कमांडरऔरफिर सबजोनल कमांडर बन गया.
अरविंद के नक्सली गतिविधियों में शामिल रहने के दौरान ही वर्ष 2010 में उसकी पत्नी सबिता उर्फ इंदु देवी मरगाडा पंचायत समिति की सदस्य चुनी गयी.बाद में वह कुंदा की प्रमुख बनीं. बताया जाता है वर्ष 2012 में जेल जाने के बाद अरविंद ने संगठन से दूरी बना ली. उसने ठेकेदारी शुरू कर दी. थोड़ी-थोड़ी राजनीति भी करने लगा. अभी वह बीड़ी पत्ताके ठेकेदार के साथ काम कर रहा था.