चाईबासा.आदिवासी पाटुवा सेचेत लेक्चर सेमलेद (आसेका) की ओर से बुधवार को पिल्लई हॉल में संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. मुख्य अतिथि माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू व नवीन मुर्मू थे. दुर्गाचरण मुर्मू ने संथाल समाज की भाषा, संस्कृति और परंपरा को सम्मान देते हुए सामाजिक एकता एवं सांस्कृतिक चेतना का संदेश दिया. वहीं संथाल समुदाय के युवक-युवतियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. कार्यक्रम में पूर्व में पंडित मुर्मू की जयंती पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. इनके नाम इस प्रकार
हैंसामान्य ज्ञान :
सुशीला हेंब्रम प्रथम, लव किशोर सोय द्वितीय व माटु मुर्मू को तृतीय पुरस्कारसंताली जीके :
पूजा मार्डी प्रथम, सीमा मुर्मू द्वितीय व माटू मुर्मू को तृतीय पुरस्कारआदिवासी गीत :
बाहा सेरेंग गीत में सीमा मुर्मू प्रथम, रश्मि मार्डी द्वितीय और चंपा मनी सोरेन तृतीय रहीलांगड़े सेरेंग :
शकुंतला टुडू को प्रथम, सीमा टुडू को द्वितीय रश्मि मार्डी को तृतीय स्थान मिला. होबाहा गीत :
सुशीला हेंब्रम प्रथम, अगस्ती पिंगुवा द्वितीय व लाल सिंह मारला को तृतीय पुरस्कारआधुनिक गीत :
प्रिया मार्डी को प्रथम, चंपामनी सोरेन को द्वितीय व सीता टुडू को तृतीय पुरस्कार मिला. समारोह में मनसा मुर्मू, सीताराम सोरेन, देवराज हांसदा, उकील मार्डी, सुशील पूरती, चंद्राय मुर्मू, रश्मि मार्डी, सीमा मुूर्मू, चंपामनी सोरेन, शंकुतला सोरेन समेत समाज के लोग शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है