25.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

डाली छंटाई के नाम पर चाईबासा महिला कॉलेज परिसर में काटे गये 100 से अधिक सागवान के पेड़, वन विभाग करेगी जांच

Jharkhand News, Chaibasa News : करीब 15 एकड़ में बनी महिला कॉलेज, चाईबासा परिसर में करीब 100 से ज्यादा छोटे- बड़े जिंदा पेड़ कटवा दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. पेड़ों को कटवाने का सिलसिला विगत 5 नवंबर, 2020 से ही शुरू कर दिया गया था, जबकि पूर्व में इसी कॉलेज में बॉटनी की एचओडी रहीं प्राचार्या (Principal) द्वारा वन विभाग को इसकी सूचना 4 दिन बाद यानी 9 नवंबर, 2020 को दी गयी. वहीं, पेड़ों को काटने का सिलसिल दो माह तक चला. हालांकि, कॉलेज प्रिंसिपल और डीएफओ अपनी- अपनी बात बता रहे हैं.

Jharkhand News, Chaibasa News, चाईबासा (सुनील कुमार सिन्हा) : करीब 15 एकड़ में बनी महिला कॉलेज, चाईबासा परिसर में करीब 100 से ज्यादा छोटे- बड़े जिंदा पेड़ कटवा दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. पेड़ों को कटवाने का सिलसिला विगत 5 नवंबर, 2020 से ही शुरू कर दिया गया था, जबकि पूर्व में इसी कॉलेज में बॉटनी की एचओडी रहीं प्राचार्या (Principal) द्वारा वन विभाग को इसकी सूचना 4 दिन बाद यानी 9 नवंबर, 2020 को दी गयी. वहीं, पेड़ों को काटने का सिलसिल दो माह तक चला. हालांकि, कॉलेज प्रिंसिपल और डीएफओ अपनी- अपनी बात बता रहे हैं.

प्रिसिंपल की मानें, तो पेड़ों की कटाई के एवज में मजदूरों को 46,900 रुपये का भुगतान भी किया गया है. उस दौरान महिला मजदूरों को प्रतिदिन 200 एवं पुरुष मजदूरों को 250 रुपये की दर से मजदूरी का भुगतान किया गया है. यह पैसे हॉस्टल के थे. लिहाजा कटाई के बाद अधिकतर लकड़ियां खाना बनाने के काम में लाने के लिए हॉस्टल में रखवा दिये गये.

Undefined
डाली छंटाई के नाम पर चाईबासा महिला कॉलेज परिसर में काटे गये 100 से अधिक सागवान के पेड़, वन विभाग करेगी जांच 2

जानकारी के अनुसार, डीएफओ के सूचनार्थ भेजे गये पत्र में कहा है कि महिला कॉलेज में पेड़ों की संख्या ज्यादा है तथा उनकी शाखाएं अवांछित रूप से काफी बढ़े हुए हैं. इसके गिरने से दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है. ऐसे में उन अवांछित शाखाओं को महाविद्यालय अपने स्तर से कटवाने का काम कर रही है. वहीं, दूसरी ओर डीएफओ सत्यम कुमार ने कहा कि प्रिसिंपल द्वारा उनके कार्यालय में सिर्फ डालियों की छंटायी की सूचना दी थी. पेड़ काटने की अनुमति नहीं ली गयी है. उन्होंने कहा कि बिना अनुमति पेड़ काटना वन अधिनियम के खिलाफ है. उन्होंने रेंजर को भेज कर जांच कराने की बात भी की.

Also Read: Crime News : बंगाल से सप्लाई होती अवैध विस्फोटक का जखीरा बरामद, पाकुड़ में 775 पीस हाई एक्सप्लोसिव जिलेटिन जब्त नैक थर्ड साइकिल 2022 में, इसलिए छंटवायी शाखाएं

कॉलेज की प्रिसिंपल डॉ सलोमी टोपनो ने बताया कि कॉलेज में नैक थर्ड साइकिल का आयोजन 2022 में होने वाला है. इसकी तैयारी को लेकर परिसर को साफ- सुथरा बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कोविड- 19 को लेकर मार्च से कॉलेज बंद था. ऐसे में परिसर पूरा जंगल हो गया था. ऐसे में कैंपस की सफाई करवायी गयी. बिल्डिंग भी पेड़ के कारण नहीं दिखता है. इसलिए कॉलेज परिसर की झाड़ी आदि साफ करवाये हैं एवं बड़े पेड़ की 5 फीट की डाली की छंटनी करवायी गयी है. इस पर सिर्फ लेबर चार्ज ही खर्च की जा रही है. छांटी गयी डालियों की लकड़ियां किसी काम की नहीं है. सिर्फ जलावन के काम में ही लाया जा सकता है. इसलिए इसे हॉस्टल में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कॉलेज परिसर में बीज गिरने से सागवान अपने आप उग गया था. बड़े टिंबर की कटायी नहीं करायी गयी है. हालांकि एक- दो पेड़ जो बिल्डिंग से सटा था उसे ही काटा गया है.

कॉलेज परिसर से ग्रैबियर भी गायब

गौरतलब है कि सागवान के पेड़ों की सुरक्षा के लिए करीब एक साल पहले कॉलेज परिसर में गैबियर भी लगाया गया था. इसके लिए दो ट्रक बांस भी मंगाये गये थे. हालांकि, प्रिसिंपल ने बताया कि उक्त बांस वन विभाग द्वारा मंगवाया गया था. इधर, पेड़ों की कटाई के साथ ही ग्रैबियर भी हटा दिया गया है. वहां अब पेड़ों की जगह सपाट मैदान नजर आने लगे हैं. फिलहाल यह मामला शहर में चर्चा का विषय का बना हुआ है. वहीं, कॉलेज के कर्मी भी दबी जुबान से पेड़ों की कटाई की बात को सच मान रहे हैं. एक कर्मी ने नाम खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि न केवल सागवान बल्कि, मंदिर के पास लगे बेल के पेड़ भी कटवा दिये गये हैं. हॉस्टल की कुछ छात्राएं मंदिर में बेलपत्र भी चढ़ाती थीं.

प्रिसिंपल ने पेड़ों से गिनायी परेशानी

प्रिसिंपल डॉ टोपनो ने कॉलेज परिसर में पेड़ से होने वाली परेशानी के बारे में कहा कि कॉलेज परिसर में लगे पुराने वृक्ष साल- दो साल में गरते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसके अलावा कॉलेज भवन से पेड़ों के सटे होने के कारण कमरे तक प्रकाश और धूप नहीं पहुंच पाता है. वहीं, कॉलेज बिल्डिंग के छत पर पेड़ों की पत्तियां जमा होने के कारण सीपेज की समस्या उत्पन्न होती है. साथ ही लाइब्रेरी में भी सीपेज की समस्या उत्पन्न हुई है.

Also Read: रोजगार दिलाने के नाम पर लड़कियों को ले जा रहा था तमिलनाडु, हुआ गिरफ्तार

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें