चाईबासा. मंझारी प्रखंड के बिडदिरी गांव के शिक्षक बनमाली तामसोय के प्रयास से सोमवार को बिडदिरी सेंया उम्बुल में पुस्तकालय सह अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया गया. मौके पर कुचाई प्रखंड के बीडीओ साधुचरण देवगम ने कहा कि यह अभियान कोल्हान के कोने- कोने तक फैलानी है. ताकि पूरे कोल्हान में शिक्षा की अलख जग सके. उन्होंने ग्रामीणों से कृषि के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं तलाशने की बाते कहीं. वहीं बच्चों को शिक्षा का महत्व बताया. शिक्षा को अधिकार नहीं, प्राथमिकताएं बनाएं. हो साहित्यकार जवाहर बांकिरा ने कहा कि हो भाषा के साथ अन्य भाषाओं को सीखना और जानना जरूरी है.
बच्चों की शिक्षा के प्रति बनें जिम्मेदार
जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जिम्मेदार बनना होगा. ताकि उनका भविष्य बेहतर बन सके. उद्घोषक सह कवि सोनू हेस्सा ने कहा कि नैतिक मूल्यों के प्रति अभिवावक जिम्मेदारी लेकर अपने बच्चों को परिवार में ही नैतिक शिक्षा दें.मानव जाति के विकास में दें योगदान
रेयांस सामड ने कहा कि शिक्षा केवल सरकारी संस्थानों में नियुक्ति के लिए नहीं, अपितु हमें मानवीय ज्ञान, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से खुद को मजबूत करने के लिए जरूरी है. शिक्षाविद् सिकंदर बिरुली ने कहा कि शिक्षा से गांव का विकास संभव है.गांव में देशाउली और दियुरी का अलग महत्व
देशाउली फाउंडेशन के अध्यक्ष साधु हो ने कहा कि हर गांव में देशाउली और दियुरी का अपना अलग महत्व और शक्ति निहित है. सरकार द्वारा भी आज इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है जो सराहनीय कदम है. वक्ता साधो तियु ने कहा कि मन और तन को साफ रखें. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन बसता है. इपीलसिंगी पंचायत की मुखिया रश्मि तामसोय ने कहा कि बच्चों को अगर नशापान से दूर रखना है तो परिजनों को नशापान व लड़ाई- झगड़ा छोड़ना होगा. समारोह में मंच संचालक श्याम कुदादा व जगन्नाथ हेस्सा ने किया.समारोह में ये थे उपस्थित
संजय सरील देवगम, बासिल हेंब्रम, राहुल बिरुवा, नारायण कांडेयांग, महेंद्र तामसोय, लक्ष्मण तामसोय, कविता देवी, प्रीति तामसोय, बाबेंद्र तामसोय, गोबई गागराई, प्रीति देवगम, मंजीत बोयपाई, तुराम बिरुवा, सिकंदर तामसोय, लालसिंह तामसोय व शर्मिला तामसोय उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है