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Bokaro News : विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा तेनुघाट डैम

Bokaro News : झारखंड राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल तेनुघाट डैम को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी हो रही है.

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राकेश वर्मा, बेरमो : झारखंड राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल तेनुघाट डैम को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी हो रही है. केंद्र सरकार की स्पेशल अस्सिटेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (एसएएससीआइ) योजना में मिलने वाली वित्तीय सहायता से तेनुघाट डैम व आसपास के क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना है. इस योजना के तहत तेनुघाट डैम के लिए 73 करोड़ रुपये की योजना सेक्शन हो गयी है. तेनुघाट क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएं तैयार कर ली गयी हैं. इन योजनाओं के धरातल पर उतरने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

73 करोड़ रुपये की मिली है स्वीकृति

विदित हो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कोरोना के समय राज्यों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में स्पेशल अस्सिटेंट योजना शुरू की थी. इसमें पहली बार पर्यटन को भी योजना के दायरे में लाया गया. इसके तहत राज्यों से विभिन्न पर्यटन स्थलों का प्रस्ताव मांगा गया था. इसी के तहत तेनुघाट डैम क्षेत्र को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना झारखंड की ओर से भेजी गयी थी.

झारखंड राज्य पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन ने बताया कि प्रोजेक्ट सेंक्शन हो गया है. यहां जल संसाधन विभाग से भी कुछ जमीन लेकर योजनाएं धरातल पर उतारा जायेगा. सुरक्षित तथा विश्व स्तरीय बोटिंग शुरू करने के साथ ही, व्यू प्वाइंट, चिल्ड्रेन पार्क, कॉटेज आदि का निर्माण किया जाना है. बेरमो एसडीएम मुकेश मछुआ ने कहा कि जल्द प्राक्कलन बनेगा तथा टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी.

एशिया महादेश के सबसे बड़ा अर्थन डैम तेनुघाट डैम में कई दिनों से तीव्र गति से मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है. इसके तहत पूरे डैम की सर्विसिंग, ग्रिसिंग, ऑयलिंग व पेंटिंग का काम सिंचाई विभाग द्वारा कराया जा रहा है. मालूम हो कि तेनुघाट डैम में 10 रेडियल गेट, आठ अंडरसुलिस गेट के अलावा चार फ्लैप गेट सहित इमरजेंसी गेट व एक एडिशन गेट (तेनु-बोकारो कैनाल) गेट है. इन सभी में काम किया जा रहा है. इसके अलावा करीब 8.5 करोड़ रुपये की डैम सेफ्टी योजना का टेंडर भी प्रक्रिया में है. डैम सेफ्टी योजना के तहत डैम के पीछे बिखर गये बड़े-बड़े पत्थरों व बोल्डरों को सजा कर रखना है तथा गैप की फिलिंग करना है. इसके अलावा डैम के ऊपर की सड़क के दोनों तरफ स्टोन बार्डर के बोल्डर का वाइट वाशिंग करना है.

21 हजार हेक्टेयर भूमि में फैला है डैम का पानी

मालूम हो कि वर्ष 1981 में तेनुघाट डैम का निर्माण पूर्ण हुआ था. इस डैम में कुल 18 फाटक हैं. इस डैम का पानी लगभग 21 हजार हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है. यह 16 हजार फुट परिधि में फैला हुआ है. डैम की गहराई 180 फुट है. इसमें 224 क्यूसेक पानी संचय किया जा सकता है. इस बांध को मिट्टी से भरा गया है तथा इसमें मिश्रित चिनाई पत्थर और कंक्रीट स्पिलवे है. इस डैम के निर्माण में कई गांव प्रभावित हुए थे. इस डैम के पानी से बोकारो स्टील प्लांट का भविष्य टिका हुआ है. साथ ही पूरे बोकारो जिला को पानी की आपूर्ति होती है तथा तेनुघाट थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन भी इसी डैम के पानी से होता है. इसके अलावा छोटे-बड़े कई कारखाने भी चल रहे हैं. तेनुघाट डैम में फिलहाल मेंटेनेंस का काम चल रहा है. पर्यटन विभाग द्वारा तेनुघाट डैम के सौंदर्यीकरण को लेकर अभी किसी तरह का पत्र विभाग के पास नहीं आया है.

सचिन कुमार, जूनियर इंजीनियर, तेनुघाट सिंचाई विभाग

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