Madhubani Painting Exhibition| धनबाद, सत्या राज : राष्ट्रपति भवन के उद्यान में 18 से 23 फरवरी तक अमृत उद्यान प्रदर्शनी लगायी जायेगी. इसमें कतरास धनबाद के गायत्री स्वयं सहायता समूह की ओर से मधुबनी पेंटिंग का स्टॉल लगाया जायेगा. समूह की सीआरपी (कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन) अर्चना झा और रूही दास इस प्रदर्शनी में मधुबनी पेटिंग का प्रदर्शन करेंगी.
सूई-धागे से कपड़े पर कलाकृति उकेरती हैं अर्चना झा
अर्चना झा बताती हैं कि वह मूलत: दरभंगा की निवासी हैं. मधुबनी पेंटिंग यहां के लोगों के रगों में रचा-बसा है. शादी के बाद जब वह विदा होकर अपनी ससुराल कतरास आने लगी, तो अपने पीहर की यादों के साथ मधुबनी पेटिंग कला का पिटारा भी लेकर आयी. वह बताती हैं, ‘हमारे दरभंगा में गोबर, प्राकृतिक रंग से मधुबनी पेंटिंग बनायी जाती है. इसकी मांग विदेशों में भी है. यहां आकर सासू मां से सूई-धागे से कपड़ों पर कलाकृति उकेरना सीखा.’
रामायण-महाभारत की थीम, कोहबर की पेंटिंग बनातीं हैं अर्चना
अर्चना ने कहा, ‘जब स्वयं सहायता समूह बना, तो हमने मधुबनी पेंटिंग बनाना शुरू किया. कपड़े पर रामायण-महाभारत की थीम, कोहबर, प्राकृतिक दृश्य, डोली ले जाते कहार आदि की पेंटिंग बनाने लगी. इसकी खूब चर्चा हुई. मांग भी बढ़ गयी. हमने सूजनी क्राफ्ट के तहत रामायण थीम और कोहबर की पेंटिंग की प्रदर्शनी रांची में लगायी. इससे प्रभावित होकर हमें दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के उद्यान में लगने वाली प्रदर्शनी के लिए चुना गया.’
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सोचा भी नहीं था कि इतना सम्मान मिलेगा
अर्चना झा कहती हैं, ‘राष्ट्रपति भवन में लगने वाली प्रदर्शनी में हम भी मधुबनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगायेंगे, इसको लेकर बहुत उत्सुकता है. इस बात की खुशी है कि हमारी कला को इतना बड़ा सम्मान मिल रहा है.’ रूही कहती हैं कि गायत्री स्वयं सहायता समूह कोयलांचल का पहला स्वयं सहायता समूह है, जो राष्ट्रपति भवन में अपनी कला का प्रदर्शन करेगा.
बेहतरीन काम कर रहा समूह
एनयूएलएम के सिटी मिशन मैनेजर सुमित विवेक तिग्गा कहते हैं कि नगर निगम की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो प्रयास किये गये थे, उसका सार्थक परिणाम सामने है. यहां की महिलाएं बेहतरीन काम कर रही हैं.
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